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पटरियों पर पाए गए 10 डेटोनेटर, सेना और सेना के हथियार बाल-बाल बचे

ट्रेन के गुजरने के कारण कुछ डेटोनेटर पटाखे की तरह फटने लगे। जैसे ही पटाखों की आवाज आई, लोको पायलट ने तत्काल इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक लिया और स्टेशन मास्टर को मामले की जानकारी दी।

by Reeta Rai Sagar
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सेंट्रल डेस्क। मध्य प्रदेश के रतलाम में एक बड़ा ट्रेन हादसा टल गया है। उसी ट्रैक से सेना की एक विशेष ट्रेन गुजरने वाली थी। मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में एक-एक मीटर की दूरी पर 10 डेटोनेटर प्लांट किए गए थे। रेलवे का कहना है कि ये शरारती तत्वों का काम है। जांच के दौरान सेना ने पूछताछ के लिए ट्रैकमैन और सिग्नलमैन समेत कुछ रेलवे कर्मचारियों को हिरासत की मांग की है।

इलाके की गहन छानबीन के बाद ट्रेन को किया रवाना
इस बाबत एक गैंगमैन को हिरासत में लिया गया है। हांलाकि इस मामले की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई। टीओआई की एक रिपोर्ट के हवाले से खबर है कि गैंगमैन ने ही शराब के नशे में धुत होकर यह सब किया है। पुलिस के एक सूत्र का कहना है कि उस दौरान ट्रैक से सेना की एक ट्रेन तिरुवनंतपुरम के लिए रवाना होने वाली थी। जिसमें कई सेना के जवान और हथियार भी थे। ट्रेन के गुजरने के कारण कुछ डेटोनेटर पटाखे की तरह फटने लगे। जैसे ही पटाखों की आवाज आई, लोको पायलट ने ब्रेक लगा दी। साग्पाथा स्टेशन पर ट्रेन को लगभग आधे घंटे के लिए रोकना पड़ा। इस दौरान पूरे इलाके की गहन छानबीन की गई। इसके बाद ही ट्रेन को रवाना किया गया। इससे पहले भी कानपुर में रेलवे ट्रैक पर एक गैस सिलिंडर पाया गया था।

रेलवे ने ट्रैनों को कैमरे से लैस करने का फैसला लिया

इसके अलावा पंजाब के बठिंडा में भी रेलवे ट्रैक पर लोहे का सरिया पाया गया था। इस माह में यह तीसरी घटना है, जब रेलवे की आवाजाही को बाधित करने का प्रयास किया जा रहा है। इन्हीं खबरों को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने ट्रैनों को कैमरे से लैस करने का फैसला लिया था। अब ट्रेन के आगे-पीछे भी कैमरे लगाए जाएंगे। इन कैमरों के इंस्टॉलेशन के बाद अगर कभी भी कोई रेलवे की संपत्ति को हानि पहुंचाने की कोशिश करता है या स्टोन पेल्टिंग होती है, तो रेलवे के पास एक वीडियो साक्ष्य मौजूद होगा। इससे कार्रवाई करने में आसानी होगी। हांलाकि बढ़ती घटनाओं को देखते हुए इन पर जल्द से जल्द अमल करने की जरुरत है।

क्या होता है डेटोनेटर

रेलवे में डेटोनेटर का उपयोग किसी घटना या दुर्घटना की चेतावनी देने के लिए की जाती है। आमतौर पर यह काम ट्रेन चालक दल का होता है। जैसे कि यदि उस ट्रैक पर इंजीनियरिंग कार्य चल रहा हो, घने कोहरे में चेतावनी के लिए, सावधानी या रुकने के लिए जब संकेत देना हो। यह कई प्रकार के होते है।

घटना की जांच शुरू कर दी गई
यह पूरा मामला सेना से जुड़ा है, इसलिए मामले की जांच NIA, ATS सहित अन्य खुफिया एजेंसियों के हाथ में सौपी गई है।

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