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कर्नाटक : 20 नवंबर को 10,800 शराब की दुकानें रहेंगी बंद , वाइन मर्चेंट्स एसोसिएशन ने आबकारी विभाग पर लगाए गंभीर आरोप

by Rakesh Pandey
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बेंगलुरु : शहर में शराब व्यवसाय से जुड़े 10,800 दुकानदारों ने 20 नवंबर को राज्यभर में अपनी शराब की दुकानों को बंद रखने का निर्णय लिया है। यह फैसला राज्य के आबकारी विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और सरकार द्वारा उनकी लंबे समय से लंबित मांगों पर ध्यान न दिए जाने के खिलाफ विरोधस्वरूप लिया गया है। फेडरेशन ऑफ वाइन मर्चेंट्स एसोसिएशन ने इस कदम को लेकर गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें उन्होंने सरकार से अपनी विभिन्न मांगों को पूरा करने की अपील की। इस बंद के दौरान केवल सरकारी शराब की दुकानें खुली रहेंगी, जबकि सभी निजी शराब दुकानें बंद रहेंगी।

एसोसिएशन की प्रमुख मांगें

एसोसिएशन ने कर्नाटक सरकार से कई महत्वपूर्ण सुधारों की मांग की है। इन मांगों में प्रमुख है राज्य आबकारी विभाग में भ्रष्टाचार पर नियंत्रण और विभाग का वित्त मंत्रालय में विलय। एसोसिएशन का मानना है कि आबकारी विभाग का बजट बहुत सीमित है और इसे वित्त मंत्रालय के नियंत्रण में लाकर बेहतर तरीके से प्रबंधित किया जा सकता है। इसके अलावा, उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर एक बैठक बुलाकर उनकी समस्याओं का समाधान करने का अनुरोध किया है।

बी गोविंदराज हेगड़े, महासचिव, फेडरेशन ऑफ वाइन मर्चेंट्स एसोसिएशन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम चाहते हैं कि आबकारी विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। इसके अलावा, हमें खुदरा शराब की बिक्री पर लाभ मार्जिन बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक करने की भी गारंटी चाहिए।

एसोसिएशन ने अन्य मांगों में सीएल-2 लाइसेंसधारियों (खुदरा दुकानदारों) को शराब की खपत की अनुमति देने और सीएल-9 लाइसेंसधारियों (बार और रेस्तरां) को अतिरिक्त काउंटर स्थापित करने की भी मांग की है।

होटल मालिकों का विरोध

कर्नाटक राज्य पर्यटन होटल मालिक संघ (KSTHMA) ने वाइन मर्चेंट्स एसोसिएशन के इस निर्णय पर कड़ी आपत्ति जताई है। संघ के सचिव गोविंदा कौलागी ने इस कदम को एकतरफा और बिना परामर्श के लिया गया बताया। उन्होंने कहा कि शराब के व्यापार से जुड़ी कई समस्याएं हैं और होटल मालिकों ने भारी निवेश किया है, इसके साथ ही कर्मचारियों को भुगतान करने के लिए भी धन की आवश्यकता होती है। कौलागी ने इस फैसले के विरोध में कहा कि हमें हर साल भारी शुल्क देना पड़ता है, जिसे कम किया जाना चाहिए। इसके साथ ही, हमें शराब की बिक्री से 20 प्रतिशत लाभ का हिस्सा मिलना चाहिए।

प्रधानमंत्री का आरोप और एसोसिएशन का खंडन

वहीं, कर्नाटक में शराब व्यापारियों पर हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लगाए गए एक आरोप को एसोसिएशन ने सिरे से नकारा किया है। प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया था कि कर्नाटकी शराब व्यापारियों ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए 700 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी। इस आरोप को खारिज करते हुए बी गोविंदराज हेगड़े ने बताया कि हमारे किसी भी पदाधिकारी ने ऐसी कोई बात नहीं की है। न ही हमसे 500 करोड़ या 700 करोड़ की रिश्वत ली गई है।

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