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मणिपुर में दो विद्रोही गुटों के बीच संघर्ष में 13 की मौत

by Rakesh Pandey
मणिपुर में दो विद्रोही गुटों के बीच संघर्ष में 13 की मौत
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इंफाल: मणिपुर में रविवार काे सीमावर्ती इलाकाें काे छाेड़कर सरकार ने इंटरनेट से पाबंदी काे हटा दिया है। कहा जा रहा है कि राज्य में स्थिति सामान्य हाे रही है। लेकिन इसके एक दिन बाद ही राज्य में बड़ी घटना हुई है। साेमवार की सुबह 10:30 बजे दो गुटों के बीच हुई गोलीबारी में 13 लोगों की मौत हो गई।

मणिपुर में दो विद्रोही गुटों के बीच संघर्ष में 13 की मौत

बताया जा रहा है कि यह घटना म्यांमार बॉर्डर से लगे कुकी बहुल इलाके टेंग्नौपाल​​​​​​ जिले के लीथू गांव की है। मरने वाले किस समुदाय से हैं अभी यह नहीं बताया गया है। लेकिन असम राइफल्स के मुताबिक, इलाके के एक विद्रोही समूह ने म्यांमार जा रहे उग्रवादियों पर ये हमला किया है। मारे गए लोगों की पहचान नहीं हो पाई है। विदित हाे कि मणिपुर सरकार ने 3 दिसंबर को कुछ इलाकों को छोड़कर राज्य में मोबाइल इंटनेट सेवाएं 18 दिसंबर तक के लिए बहाल की थीं। इसके बाद गोलीबारी की यह पहली घटना है।

3 मई से हिंसा की चपेट में है मणिपुर:

मणिपुर में कुकी और मैतेई समूह के बीच आरक्षण को लेकर 3 मई से हिंसा जारी है। हिंसक घटनाओं में अब तक 200 लोग मारे गए हैं। 50 हजार लोग रिलीफ कैंप्स में रह रहे हैं। अभी भी कई इलाकाें में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। हालांकि पिछले कुछ दिनाें से हिंसा में कमी यी है। लेकिन साेमवार काे हुई घटना के बाद प्रशासन व सुरक्षाबल सतर्क हैं। प्रशासन की मानें ताे यह दाे समुदायाें के बीच की हिंसा नहीं हैं।

मणिपुर हिंसा की वजह:

मणिपुर हिंसा की बात करें ताे इसकी मुख्य वजह जातीय समूह है। राज्य कि आबादी करीब 38 लाख है। इसमें तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं र वे ST वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 34% है। वहीं मैतई समुदाय की बाद 50 प्रतिशत से अधिक है जाे 10% इलाके में फैली इंफाल घाटी रहते हैं। मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाए। इसके बाद ही हिंदसा का दाैर राज्य में शुरू हुआ। 

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