रांची : उत्तराखंड में चारधाम सड़क परियोजना के तहत यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन साढ़े चार किलोमीटर लंबी सुरंग का एक हिस्सा भरभराकर गिर जाने से फंसे करीब 40 मजदूरां में 13 मजदूर झारखंड के विभिन्न जिलों के हैं। सुरंग में फंसे सभी मजदूरों को मदद पहुंचाने व उन्हे बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है।
सुरंग में फंसे है झारखंड के ये मजदूर
– विश्वजीत कुमार पुत्र हेमलाल महतो, निवासी सिमराधान
– सुबोध कुमार पुत्र बुधन कुमार, निवासी सिमराधान
– अनिल बेदिया पुत्र चक्रु बेदिया, निवासी खिराबेरा, रांची
– श्रजेन्द्र बेदिया पुत्र श्रवण बेदिया, निवासी खिराबेरा, रांची
– सुकराम पुत्र वदन बेदिया, निवासी खिराबेरा, रांची
– टिंकू सरदार पुत्र बोनू सरदार, निवासी डोमरिया
– गुनोधर पुत्र चंद्रमोहन, निवासी मणिकपुर, बाराबोतला
– रनजीत पुत्र रिसपाल लोहार, निवासी मणिकपुर, बाराबोतला
– रवीन्द्र पुत्र धनंजय नायक, निवासी मणिकपुर, बाराबोतला
– समीर पुत्र संतोष नायक, निवासी बंकीसोल, दुमरिया
– महादेव पुत्र घासी राम नायक, निवासी चेलाबेड़ा, पश्चिम सिंहभूम
– भुक्तू मुर्मू, बसेत मुर्मू, निवासी कुडालुका, बांकीसाल
– चमरा उरावं पुत्र भगतु उरांव, निवासी लरताकुर्रा
कुछ माह पूर्व ले जाए गए थे ये मजदूर
उत्तराखंड में जो मजदूर फंसे हुए हैँ उनमें ज्यादातर को कुछ माह पूर्व ही वहां काम के लिए ले जाया गया था। सुरंग में फंसे श्रमिकों में बिरनी के सिमराढाब के बुधन के पुत्र 25 वर्षीय सुबोध व केशोडीह निवासी विश्वजीत वर्मा भी करीब दो माह पूर्व एनएचआइ डीसीएल कम्पनी के अंतर्गत काम करने के लिए उत्तरखंड गए थे।
राहत व बचाव कार्य में जुटी प्रशासन की टीम
बताया जा रहा है कि निर्माणाधीन सुरंग में 12 घंटे की शिफ्ट सुबह आठ बजे खत्म होनी थी। उसके पूर्व ही यह हादसा हो गया। प्रशासन की टीम राहत व बचाव कार्य में जुटी हुई है। फंसे लोगों तक प्रशासन की ओर से आक्सीजन व खाना पहुंचाया जा रहा है। फिलहाल सभी श्रमिक सकुशल बताए जा रहे हैं। उत्तरकाशी की पुलिस अधीक्षक अर्पणा यदुवंशी ने भी इस बात की पुष्टि की है कि सुरंग में फंसे सभी लोग सकुशल हैं। मजदूरों के साथ किसी भी तरह की कोई अनहोनी घटना नही हुई है।