लखनऊ: उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में बड़े पैमाने पर तबादले किए गए हैं। प्रदेश सरकार ने अपर निदेशक पद पर प्रोन्नति पाने वाले 17 अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां सौंपी हैं। इस बदलाव में तीन अधिकारियों को नगर स्वास्थ्य अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है, जबकि चार महिला डॉक्टरों को प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक के पद पर तैनात किया गया है। इसके अलावा, छह डॉक्टरों को विभिन्न अस्पतालों का प्रमुख अधीक्षक बनाया गया है।
इन्हें मिली जिम्मेदारी
स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा अनुभाग दो द्वारा जारी आदेश के अनुसार, बलिया से डॉ. राजकुमार सिंह को वाराणसी नगर स्वास्थ्य अधिकारी के रूप में तैनात किया गया है। इसी तरह, हाथरस से डॉ. पुष्पलता को आगरा का मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी नियुक्त किया गया है। इटावा से सीएमएस डॉ. मनमोहन आर्या को कानपुर नगर का मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी बनाया गया है।
डॉ. नीना वर्मा बनीं वाराणसी की जिला महिला चिकित्सा अधीक्षक
इसके अलावा, डॉ. नीना वर्मा को वाराणसी में जिला महिला चिकित्सा का प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक नियुक्त किया गया है। डॉ. रुचि जैन को कानपुर में एएचएम में प्रमुख चिकित्सा अधीक्षिका का पद सौंपा गया है। ललितपुर से डॉ. मीनाक्षी सिंह को मेरठ में प्रमुख अधीक्षिका, मथुरा से डॉ. शोभावती को गोरखपुर में जिला महिला अस्पताल का प्रमुख चिकित्सा अधीक्षिका नियुक्त किया गया है।
डॉ. ज्योत्सना भाटिया का बदला दायित्व
स्वास्थ्य विभाग के इस फेरबदल के तहत आगरा मंडल में संयुक्त निदेशक डॉ. ज्योत्सना भाटिया को अपर निदेशक आगरा की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि कुशीनगर में डॉ. अल्पना रानी गुप्ता को गोंडा भेजा गया है। गोंडा से डॉ. जयंत कुमार को गोरखपुर भेजा गया है। इसके अतिरिक्त, झांसी में डॉ. प्रमोद कुमार कटियार को उसी अस्पताल का प्रमुख अधीक्षक बनाया गया है। वाराणसी में डॉ. प्रकाश सिंह को अस्पताल प्रमुख अधीक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई है, वहीं डॉ. खालीद रिजवान को बस्ती में प्रमुख अधीक्षक के रूप में तैनात किया गया है।
आजमगढ़ भेजे गए डॉ. ओम
जौनपुर से डॉ. ओम प्रकाश को आजमगढ़ भेजा गया है, वहीं बरेली से डॉ. संजय कुमार को गोरखपुर जिला अस्पताल का प्रमुख अधीक्षक बनाया गया है। बागपत के डॉ. सुमन कुमार को प्रयागराज में बतौर प्रमुख अधीक्षक नियुक्त किया गया है, और बरेली से डॉ. राजीव कुमार गुप्ता को भी प्रयागराज में प्रमुख अधीक्षक के रूप में तैनात किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग के इस बड़े फेरबदल से विभाग में कार्य करने वाली टीमों की कार्यक्षमता में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। इससे स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक प्रभावी और व्यवस्थित बनाने में मदद मिल सकती है।