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Teachers Appointment : राज्य में 26 हजार नए शिक्षकों की नियुक्ति होगी

by Rakesh Pandey
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  • 500 सरकारी स्कूलों को सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में बदला जाएगा

जमशेदपुर : झारखंड में सरकार सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूरे करने के लिए सरकार जल्द ही 26 हजार नए शिक्षकों के भर्ती की प्रक्रिया शुरू करेगी। यह जानकारी शुक्रवार को जमशेदपुर के सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस गर्ल्स प्लस टू उवि साकची में पत्रकारों से बात करते हुए शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने दी। उन्होंने कहा कि इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है अन्य रिक्तियों का रोस्टर तैयार करने को कहा गया है। इसके लिए विज्ञापन जारी कर दिया जाएगा। यह नियुक्ति पिछले वर्ष 26 हजार पदों को भरने के लिए ली गयी परीक्षा से अलग होगी।


मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार में हमने जिन 26 हजार शिक्षकों के पदों को भरने के लिए परीक्षा ली है। उसके परिणाम पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाया है। लेकिन फैसला अगर सरकार के पक्ष में आया तो 26 हजार नए शिक्षक तो मिलेंगे ही, इसके अतिरिक्त इतने ही पदों पर शिक्षकों की भी भर्ती करने जो रहे हैं। ऐसे में आने वाले एक से दो सालों में 52 हजार नए शिक्षक राज्य को मिलेंगे। यही नहीं अगर शिक्षक भर्ती परीक्षा का परिणाम हमारे पक्ष में नहीं आया तो उन पदों को हम फिर से भरने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों की सूरत को बदलने के लिए झारखंड सरकार केरल व दिल्ली मॉडल को अपनाने जा रही है। इसके लिए राज्य की एक टीम जल्द ही केरल व दिल्ली जाएगी जिसमें मैं खुद रहूंगा। यह टीम इन दोनों राज्यों में सरकारी स्कूलों का अध्ययन कर यह पता लगाएगी की यहां सरकारी स्कूलों पर किस तरह से काम किया जा रहा है, जो इन दोनों राज्यों के सरकारी स्कूलों की स्थिति पूरे देश में सबसे बेहतर है। रामदास सोरेन ने कहा कि प्रदेश की शिक्षा का बुनियादी ढांचा मजबूत किया जाएगा। इसके लिए पांचों प्रमंडल में अधिकारियों के साथ समीक्षा मीटिंग होगी।


शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अगले पांच सालों में 500 सरकारी स्कूलों को सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में बदलते हुए सीबीएसई बोर्ड के तहत संचालित करेगी। इसके तहत अभी 80 स्कूल संचालित हो रहे हैं। अगले साल 80 नए स्कूलों को सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में बदला जाएगा। इसी प्रकार हर साल 80 से 85 स्कूलों को इस श्रेणी में लाएंगे ताकि बच्चे सीबीएसई बोर्ड के तहत अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा ग्रहण कर सकें। उन्होंने कहा कि आज सभी बड़ी प्रतियोगी परीक्षाएं सीबीएसई के सिलेबस के आधार पर आयोजित हो रही हैं। एेसे में हमें भी इस ओर जाना होगा ताकि हम स्कूल स्तर पर ही बच्चों को इतना कुशल बना दें की उच्च शिक्षा में जाते समय वे पूरी तरह दक्ष हों।

क्षेत्रीय भाषा की पढ़ाई होगी अनिवार्य

शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने कहा है कि झारखंड के सरकारी स्कूलों में क्षेत्रीय भाषा की पढ़ाई को अनिवार्य किया जाएगा। इस पर हम काम कर रहे हैं। पिछली सरकार में इन इसके लिए शिक्षक नियुक्ति का जिलावार पद सृजित किया गया था। लेकिन नियुक्ति नहीं हो पायी थी। लेकिन जल्द ही हम नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर पढ़ाई शुरू कराएंगे। उन्हींने कहा कि जिस विद्यालय में किसी भी क्षेत्रीय भाषा के दस स्टूडेंट हैं, वहां उस भाषा का एक टीचर नियुक्त किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय भाषा में पढाई के लिए सरकार पूरे जोर शोर से कोशिश कर रही है। उन्होंने बताया कि आज ही उन्होंने स्कूल का निरीक्षण किया है। वहां स्टूडेंट कम और शिक्षक ज्यादा हैं। इसे ठीक किया जाएगा।

शिक्षा मंत्री ने शहीद निर्मल महतो उवि का किया निरीक्षण

  • 200 बच्चे मिले अनुपस्थित, प्रिंसिपल समेत सभी शिक्षकों को शोकॉज करने का निर्देश

जमशेदपुर : शिक्षा मंत्री बनने के बाद रामदास सोरेन शुक्रवार को पूरे एक्शन में थे। उन्होंने दो स्कूलों का औचक निरीक्षण करने के साथ ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की। सबसे पहले मंत्री शहीद निर्मल महतो उच्च विद्यालय घोड़ाबांदा गए। इस दौरान उन्होंने जांच में पाया गया कि इस स्कूल के 200 बच्चे अनुपस्थित हैं। उन्होंने स्कूल के प्रिंसिपल से जानकारी ली तो पाया कि यहां कुल 500 बच्चों का नामांकन है, जबकि 300 बच्चे ही पढ़ने आए हैं।

करीब 40 प्रतिशत बच्चों के स्कूल के गायब होने के संबंध में जब हेडमास्टर व शिक्षकों से मंत्री ने पूछा तो उनके पास कोई जवाब नहीं था। इस दौरान मंत्री स्कूल के आधारभूत संरचना की भी जानकारी ली साथ ही डीईओ को निर्देश दिया कि वे बच्चों के अनुपस्थिति के मामले में स्कूल के सभी शिक्षकों को शोकॉज जारी करते हुए स्पष्टीकरण पूछ क्योंकि अगर बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं तो यह शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि उन्हें स्कूल लाएं। इसके लिए शिक्षकों को उनके अभिभावकों से मिलना चाहिए। लेकिन जिस प्रकार से इस स्कूल में बच्चे अनुपस्थित थे।

वह चिंता का विषय है। क्योंकि हो सकता है कि ये बच्चे स्कूल छोड़ किसी होटल में काम कर रहे हों या भैस चरा रहे हों। अगर एेसा हुआ तो यह बेहतर गंभीर मामला है। एेसे में विभाग इसका पता लगाए की इतनी बड़ी संख्या में बच्चों ने स्कूल आना क्यो छोड़ दिया है।

साकची में सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का किया निरीक्षण

शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने साकची में सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का निरीक्षण किया। इस मौके पर स्कूल की प्रभारी प्रिंसिपल ने शिक्षा मंत्री से कहा कि उनके स्कूल में प्ले ग्राउंड बहुत छोटा है। पीछे कुछ जमीन है जो अगर मिल जाती तो प्ले ग्राउंड बडा हो जाता। इस पर रामदास सोरेन ने कहा कि यह टाटा लीज की जमीन होगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए वह कोशिश करेंगे। इस दौरान स्कूल की ओर से मंत्री से अतिरिक्त भवन की मांग की गयी जिस पर उन्होंने कहा कहा कि हम इसे नोट कर रहे हैं। प्रयास किया जाएगा की स्कूल में कमरों की जो कमी है उसे दूर किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने यहां के सभी शिक्षक व शिक्षिकाओं से बात की साथ ही स्कूल में लिए जाने वाले मंथली टेस्ट के बारे में भी पूछा।

कमियों को जल्द से जल्द दूर करें अधिकारी, नहीं तो होगी कार्रवाई:

शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने जमशेदपुर सर्किट हाउस में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ एक मीटिंग भी की। इस मीटिंग के बारे में रामदास सोरेन ने बताया कि काफी खामियां मिली हैं। इन्हें दूर करने को कहा गया है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि अधिकारियों को टास्क दे दिया गया है। इसे पूरा करने को कहा गया है। अगली समीक्षा मीटिंग में इस टास्क की समीक्षा होगी कि अधिकारियों ने इसे पूरा किया या नहीं। अधिकारियों से कहा गया है कि मिड डे मील में किसी तरह की कोई शिकायत नहीं आनी चाहिए।

सभी छात्र- छात्राओं को ड्रेस दी जाए। कई स्कूल में अब घंटी बजनी बंद हो गई है। कई स्कूलों में तो घंटी ही नहीं है। इन सब व्यवस्था को ठीक करने का निर्देश भी उन्होंने दिया और अधिकारियों से कहा कि वे स्कूलों का नियमित निरीक्षण करते हैं। उन्होंने मॉडल व आदर्श विद्यालयों पर अधिकारियों को फोकस होकर काम करने को कहा। इसके साथ ही

उन्होंने कहा कि भले ही मैं स्कूली शिक्षा का मंत्री हूं लेकिन मेरे क्षेत्र में उच्च शिक्षा का विकास हो इस पर भी काम जारी रहेगा। इसके तहत जल्द ही राज्य के पहले आदिवासी विवि मे एडमिशन की प्रक्रिया शुरू होगी। पहले जमशेदपुर में कक्षाएं संचालित होंगी। इसके बाद घाटशिला के गालूडीह में विश्वविद्यालय का भवन बनने के बाद वहां इसे शिफ्ट कर दिया जाएगा।

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