चंदौली: जिले के पंडित दीन दयाल उपाध्याय (पीडीडीयू) जंक्शन पर जीआरपी ने एक बड़ी तस्करी का खुलासा करते हुए चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया। उनके पास से करीब 50 लाख रुपये कीमत की चांदी की ज्वैलरी बरामद की गई। यह कार्रवाई जीआरपी द्वारा किए गए नियमित चेकिंग अभियान के दौरान हुई।
गुरुवार को जीआरपी की टीम प्लेटफार्म संख्या 1 और 2 पर गश्त कर रही थी, इसी दौरान उन्हें चार संदिग्ध व्यक्ति नजर आए। सुरक्षाबलों ने उन्हें रुकने का इशारा किया और उनकी पिट्ठू बैग की तलाशी ली। तलाशी के दौरान बैग से 48 किलो से अधिक वजन की चांदी की ज्वैलरी बरामद हुई, जिसकी कीमत लगभग 50 लाख रुपये आंकी जा रही है।
जब जीआरपी ने इन चारों से इन आभूषणों के संबंध में कागजात दिखाने के लिए कहा, तो वे किसी भी प्रकार का वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके। ऐसे में चांदी की ज्वैलरी की कानूनी स्थिति और उसके स्रोत का पता लगाने के लिए पुलिस ने आयकर विभाग को सूचना दी।
पूछताछ में जुटी आयकर विभाग की टीम
आयकर विभाग की टीम ने तत्काल मौके पर पहुंचकर आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है। संदिग्धों की पहचान बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले हयात खान, विकास कुमार सोनी, गोल्डेन वर्मा और सरोज कुमार के रूप में हुई है। आयकर विभाग अब इनसे पूछताछ कर रहा है, ताकि यह पता चल सके कि चांदी की यह ज्वैलरी कहां से आई और इसके साथ जुड़ी तस्करी के नेटवर्क का क्या हाल है।
तस्करी का केन्द्र बना पीडीडीयू जंक्शन
पीडीडीयू जंक्शन, जो दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग पर स्थित है, लंबे समय से तस्करी के लिए एक प्रमुख केंद्र बन चुका है। यहां से शराब, कैश, मादक पदार्थ और ज्वैलरी की तस्करी की घटनाएं अक्सर सामने आती रही हैं। हाल ही में यहां पर मादक पदार्थों और अवैध सामान की तस्करी में भी बढ़ोतरी देखी गई है। जीआरपी द्वारा चलाए जा रहे नियमित चेकिंग अभियान से इन अपराधों को रोकने में मदद मिल रही है।
आयकर विभाग को सौपा गया मामला
जीआरपी प्रभारी निरीक्षक सुनील कुमार सिंह ने बताया कि यह एक नियमित चेकिंग अभियान का हिस्सा था, जिसमें संदिग्धों के पास से इतनी बड़ी मात्रा में चांदी की ज्वैलरी बरामद हुई। उन्होंने यह भी बताया कि सभी आरोपियों को हिरासत में लेकर आयकर विभाग को सौंप दिया गया है, और विभाग की टीम उनसे पूरी जानकारी जुटा रही है।
इस कार्रवाई से यह साफ होता है कि जीआरपी और आयकर विभाग मिलकर चंदौली क्षेत्र में तस्करी की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखे हुए हैं और अवैध व्यापार को रोकने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। अब देखना यह है कि आयकर विभाग इन आरोपियों से क्या जानकारी प्राप्त करता है और यह मामला किस दिशा में आगे बढ़ता है