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Vrindavan Festivals : बांकेबिहारी के जन्मोत्सव में माखन से बने 56 भोग और उज्जैन का डमरू दल होगा आकर्षण का केंद्र

वृंदावन में बांकेबिहारी का भव्य जन्मोत्सव 6 दिसंबर को

by Rakesh Pandey
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वृंदावन : वृंदावन में हर वर्ष की तरह इस बार भी ठाकुर बांकेबिहारीजी का जन्मोत्सव धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। लेकिन इस बार का आयोजन कुछ खास होगा, क्योंकि बांकेबिहारी को इस बार 56 प्रकार के माखन भोग अर्पित किए जाएंगे, जो उनके प्रिय माखन से तैयार किए गए हैं। इस विशेष आयोजन की तैयारियां जोरों पर हैं, और हर पहलू में पारंपरिक और आध्यात्मिक महत्व का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।

माखन निर्मित सजने वाला 56 भोग

इस बार बांकेबिहारी के जन्मोत्सव पर स्वामी हरिदास की तरफ से 56 प्रकार के माखन भोग तैयार किए जाएंगे। यह माखन खास तौर पर देसी गाय के दूध से तैयार किए गए हैं और इन्हें ठाकुर बांकेबिहारी को अर्पित किया जाएगा। जैसे किसी घर में बच्चे का जन्मदिन मनाते वक्त केक काटा जाता है, ठीक उसी तरह इस विशेष दिन पर बांकेबिहारी के लिए माखन का भव्य भोग तैयार किया जा रहा है।

विहार पंचमी पर भव्य शोभायात्रा

बांकेबिहारी के जन्मोत्सव का मुख्य दिन 6 दिसंबर को है, जो इस साल विहार पंचमी के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन एक विशेष शोभायात्रा भी निकाली जाएगी, जिसमें गोपियों के रूप में महिलाएं सिर पर 56 मटकियों में माखन लेकर बांकेबिहारी मंदिर तक जाएंगी। यह यात्रा निधिवन राज मंदिर से शुरू होकर बांकेबिहारी मंदिर तक जाएगी। इस दिन ठाकुर बांकेबihari के प्रकट होने के साथ-साथ, स्वामी हरिदास की संगीत साधना से भी भक्तगण अभिभूत होंगे।

महाभिषेक और भोग अर्पण

विहार पंचमी के दिन सुबह पांच बजे ठाकुर बांकेबihari के प्रकट्य स्थल पर पंचामृत से महाभिषेक किया जाएगा। इस अवसर पर मंदिर सेवायत भीकचंद गोस्वामी ने बताया कि सुबह के समय बधाई गायन के बाद स्वामी हरिदास चांदी के रथ में विराजित होकर दिव्य शोभायात्रा के रूप में ठाकुरजी को जन्मोत्सव की बधाई देने के लिए मंदिर पहुंचेंगे। इसके बाद, दोपहर को राजभोग अर्पित करने के समय स्वामी हरिदास 56 प्रकार के माखन को ठाकुर बांकेबihari को भोग में अर्पित करेंगे।

उज्जैन का डमरू और झांझ की प्रस्तुति

बांकेबिहारी के जन्मोत्सव के इस विशेष अवसर पर उज्जैन से एक खास प्रस्तुति भी दी जाएगी। महाकाल की नगरी उज्जैन के भस्म रमैया भक्त मंडल द्वारा झांझ-डमरू की मंगल ध्वनि की प्रस्तुति दी जाएगी, जो इस अवसर पर वृंदावन में होगी। शोभायात्रा के दौरान भक्त मंडल द्वारा इन वाद्य यंत्रों की विशेष ध्वनि से वातावरण में एक भक्ति रस और उल्लास का संचार होगा। लगभग 50 सदस्यीय यह भक्त मंडल शिवप्रिय वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनियों से इस अवसर को और भी दिव्य बनाएंगे। कांसा धातु से निर्मित झांझों का नाद बांकेबिहारी के आंगन में विशेष रूप से गूंजेगा।

निधिवन राज मंदिर और बांकेबिहारी मंदिर में उल्लास

इस दिन की विशेष तैयारी निधिवन राज मंदिर में भी की जा रही हैं, जहां से शोभायात्रा का आरंभ होगा। ठाकुर बांकेबihari के जन्मोत्सव के इस पर्व को लेकर जहां एक ओर बांकेबिहारी मंदिर में भव्य सजावट और तैयारी हो रही है, वहीं निधिवन राज मंदिर भी श्रद्धालुओं से भरा रहेगा।

सारांश में बांकेबिहारी का जन्मोत्सव

इस बार बांकेबिहारी का जन्मोत्सव और भी भव्य और ऐतिहासिक होने जा रहा है। 56 माखन भोग, उज्जैन के डमरू की ध्वनि, विशेष शोभायात्रा, महाभिषेक और भक्ति संगीत की संगति में भक्तगण इस दिव्य आयोजन का हिस्सा बनेंगे।

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