नई दिल्ली/2nd day of Chaiti Navratri: मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की आराधना के साथ हीं चैत्र नवरात्र का शुभारंभ हो गया है। नवरात्र के दूसरे दिन अराधक मां ब्रह्मचारिणी की आराधना करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां ब्रह्मचारिणी की विधिवत पूजा एवं साधना करने से भक्त के जीवन की सभी कठिनाइयां दूर होती हैं। प्रतिकूल परिस्थितियों में भी धैर्य बना रहता है। मन विचलित नहीं होता। इस बार नवरात्र के दूसरे दिन प्रीति योग बन रहा है।
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2nd day of Chaiti Navratri: इस तरह करें पूजा
द्वितीय मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि- विधान से की जाती है, तथा उपवास भी रखा जाता है। कई भक्तों द्वारा नवरात्र के दौरान निर्जला उपवास रखा जाता है, तो वहीं कई फलाहार भी करते हैं।
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भक्त के सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं
मां ब्रह्मचारिणी के एक हाथ में कमंडल तो दूसरे हाथ में माला होता है। मां ब्रह्मचारिणी की उपासना करने से भक्त के जीवन में सकारात्मकता आती है। मां अनंत फलदायिनी है। ज्योतिषी के अनुसार नवरात्र के दूसरे दिन प्रीति योग बन रहा है। इस योग में मां की आराधना करने से भक्त के सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से…।
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*कब करें पूजा
नवरात्र के दूसरे दिन यानि द्वितीया तिथि का आरंभ 9 अप्रैल शाम 8:30 पर होगा और 10 अप्रैल शाम 5:32 पर द्वितीया तिथि समाप्त हो जाएगी। इस दौरान मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा एवं आराधना का विधान है।
प्रीति योग प्रातःकाल 10: 39 मिनट से प्रारंभ होकर 11 अप्रैल प्रातः काल 7:19 तक रहेगा। प्रीति योग में मां दुर्गा की आराधना करने से भक्त की असीम मनोकामना पूर्ण होती है, साथ ही शुभ फल की प्राप्ति होती है।
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