गोरखपुर : प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार को कांग्रेस के विधानसभा घेराव के जोरदार प्रदर्शन के दौरान एक बड़ी घटना सामने आई। प्रदर्शन में शामिल होने के लिए गोरखपुर से गए प्रभात पांडेय की रूप चोट लगने से मौत हो गई है। इस मामले में कांग्रेस ने योगी सरकार से 1 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता के साथ परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। उधर, घटना की जानकारी मिलते ही उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक समेत कई कांग्रेसी नेता भी सिविल अस्पताल पहुंच गए।
कांग्रेस बोली – पुलिस की धक्का-मुक्की से हुई प्रभात की मौत
गौरतलब है कि कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि पुलिस की धक्का-मुक्की और बल प्रयोग से प्रभात की मौत हो गई है। दूसरी तरफ, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि वो कांग्रेस पार्टी कार्यालय के कमरे में गिरे पाए गए। सिविल अस्पताल के निदेशक को उसके इलाज के लिए अच्छे से अच्छा प्रबंध करने के लिए कहा गया था। हालांकि, अस्पताल आने पर पता चला है कि उसकी मृत्य हो चुकी है।
घटना की जानकारी उनके परिवार वालों को भी दे दी गई है। शव का पोस्टमार्टम करने और बॉडी को उनके घर तक पहुंचाने के निर्देश दे दिए गए हैं। बृजेश पाठक ने कहा कि पीड़ित परिवार के साथ पूरी सरकार खड़ी है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मौत के कारणों की जानकारी नहीं है, विवेचना के बाद स्थानीय पुलिस इसकी जानकारी देगी। इस मामले में सीसीटीवी और विवेचना के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाए गए थे प्रभात
डीसीपी सेंट्रल रवीना त्यागी के अनुसार 28 वर्षीय प्रभात पांडेय को बेहोशी की हालत में कांग्रेस कार्यालय परिसर से सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया । उन्होंने बताया कि डॉक्टरों के मुताबिक मृतक के शरीर से कोई चोट नहीं पाई गई है।
गोरखपुर के देईपार निवासी प्रभात पांडेय दो बहनों में दीपक पाण्डेय के इकलौते बेटे थे। प्रभात की एक बहन की शादी हो चुकी है। एक बहन श्रेया की शादी नहीं हुई है। प्रभात युवा कांग्रेस से करीब ढाई साल पहले जुड़े थे। युवा कार्यकर्ता प्रभात पार्टी के कामों में सक्रिय भागीदारी करते थे। पढ़ाई के बाद प्रभात चार माह से लखनऊ में अपने चाचा मनीष पाण्डेय के पास रहकर कम्प्यूटर कोर्स कर रहे थे।
ढांढ़स बढ़ाने घर पहुंचे स्थानीय नेता
प्रभात के निधन की खबर मिलते ही घर पर कोहराम मच गया है। स्थानीय कांग्रेस नेता उनके घर पहुंचे और परिजनों को ढांढ़स बधाया। पड़ोसियों और परिजनों का कहना है कि प्रभात को पहले से कोई बीमारी नहीं थी।