गोमिया : झारखंड के गोमिया प्रखंड स्थित सुदूरवर्ती गांवों में पिछले एक सप्ताह से जंगली हाथियों का कहर जारी है। गोमिया के खंखडा और लोहगोढ़वा गांवों में गुरुवार रात को हाथियों ने भारी तबाही मचाई, जिससे स्थानीय ग्रामीणों में डर और दहशत का माहौल है।
कई घरों को नुकसान
गुरुवार की आधी रात को लुगू पहाड़ की तलहटी स्थित कुंदा पंचायत के खंखडा और लोहगोढ़वा गांवों में हाथियों के झुंड ने आक्रमण किया। खंखडा में अरविंद तुरी और घुनू महतो के घरों को ढहा दिया, वहीं लोहगोढ़वा में बिरेंद्र महतो के आलू के खेत को पूरी तरह से नष्ट कर दिया और घर में रखा धान भी खा गए। इसके अलावा चुरण महतो, नान्हू महतो और अन्य किसानों के खेतों को भी हाथियों ने रौंद डाला।
किसानों की मेहनत पर पानी फेरा
किसानों ने बताया कि रात 12 बजे के आसपास हाथियों के आने की आहट सुनाई दी, जिससे घर के लोग घबराकर अपने परिवार के साथ बाहर भागे। हाथियों ने उन घरों को तोड़कर अनाज को खा लिया और फसलों को नष्ट कर दिया। एक किसान ने कहा, “हमने मुश्किल से खेतों में आलू और अन्य फसलें उगाई थी, लेकिन हाथियों के झुंड ने हमारी पूरी मेहनत पर पानी फेर दिया।”
वन विभाग से अपील
ग्रामवासी और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने वन विभाग से जल्द से जल्द बचाव की अपील की है। उप प्रमुख अनिल कुमार महतो और मुखिया आदित्य कुमार महतो ने घटनास्थल पर पहुंचकर नुकसान का जायजा लिया और वन विभाग को सूचित किया। वन विभाग ने आश्वासन दिया कि हाथियों
यह घटना गोमिया के लिए नई नहीं है। पिछले एक साल में हाथियों के हमले में गोमिया क्षेत्र में चार लोगों की जान चली गई, वहीं सैकड़ों घरों और फसलों को नुकसान पहुंचा है। वन विभाग के कर्मियों ने बताया कि हाथी भगाने के लिए विशेष दल को मौके पर भेजा जाता है, लेकिन फिर भी ये हमले जारी हैं।
नुकसान की भरपाई की अपील
वन विभाग के अधिकारियों ने पीड़ित ग्रामीणों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द आवेदन करें, ताकि उनके नुकसान का आकलन कर उन्हें क्षतिपूर्ति दिलाई जा सके। साथ ही, लोगों से यह भी आग्रह किया गया है कि घरों में रखा अनाज किसी सुरक्षित स्थान पर रखें, क्योंकि हाथी अक्सर उन कमरों में हमला करते हैं, जहां अनाज रखा होता है।