सेंट्रल डेस्क : महाकुंभ जो सिर्फ एक धार्मिक मेले के रूप में ही नहीं, बल्कि आस्था, संस्कृति और अध्यात्म का अनोखा संगम माना जाता है, इस बार अंतरिक्ष से भी नजर आया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने हाल ही में महाकुंभ मेला की जो तस्वीरें जारी की हैं, वे इसकी भव्यता को एक नए और रोमांचक दृष्टिकोण से दिखाती हैं। इन तस्वीरों में महाकुंभ का विशाल आयोजन अंतरिक्ष से कितना अद्भुत और प्रभावशाली नजर आता है, इसे देखकर कोई भी दंग रह जाएगा।
ISRO की उपग्रह तस्वीरें : एक नई दृष्टि
ISRO द्वारा जारी की गई ये तस्वीरें EOS-04 (RISAT-1A) ‘C’ बैंड माइक्रोवेव सैटेलाइट से ली गई हैं। इन उपग्रह तस्वीरों में महाकुंभ मेला क्षेत्र की टेंट सिटी, पीपा पुलों के जाल और अन्य सहायक बुनियादी ढांचे की साफ-साफ झलक मिलती है। इन तस्वीरों के जरिए ISRO ने महाकुंभ के आयोजन की पूरी योजना और इसके विकास की प्रक्रिया को एक नए नजरिए से प्रस्तुत किया है। खास बात यह है कि इन तस्वीरों में 15 सितंबर 2023 और 29 दिसंबर 2024 के बीच हुए बदलावों को दर्शाया गया है, जिससे मेले के आयोजन की तैयारी को साफ-साफ समझा जा सकता है।
शिवालय पार्क का निर्माण : अंतरिक्ष से दिखाई दे रही भव्यता
सैटेलाइट द्वारा ली गई इन तस्वीरों में प्रयागराज स्थित भारत के आकार वाले शिवालय पार्क का निर्माण भी स्पष्ट रूप से नजर आ रहा है। यह पार्क 12 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है और इसे महाकुंभ का प्रमुख आकर्षण बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इन तस्वीरों में इस महत्वपूर्ण स्थल के निर्माण की प्रक्रिया को तीन अलग-अलग तारीखों पर देखा जा सकता है, जिससे इस भव्य आयोजन की तैयारियों की विशालता का अहसास होता है।
महाकुंभ : दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन
महाकुंभ मेला हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है और इसे दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है। इस बार का महाकुंभ और भी विशेष है, क्योंकि यह 144 साल बाद ग्रहों के दुर्लभ संयोग में हो रहा है। इस बार का महाकुंभ संगम नगरी प्रयागराज में आयोजित किया जा रहा है, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम है। इस धार्मिक महासमारोह में लाखों श्रद्धालु, साधु और पर्यटक भाग ले रहे हैं। इस बार मेले में 1.6 लाख टेंट और 50,000 दुकानें लगाई गई हैं, जो इस आयोजन की विशालता को और भी प्रदर्शित करती हैं।
आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम
महाकुंभ मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह एक गहरे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम का प्रतीक है। यहां श्रद्धालु अपने सारे दुख-संताप भूलकर संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं, जो उनके जीवन में शांति और मोक्ष की प्राप्ति का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनता है। ISRO की उपग्रह से ली गई तस्वीरें महाकुंभ की भव्यता के साथ-साथ इसके आयोजन की जटिलताओं को भी उजागर करती हैं और यह साबित करती हैं कि महाकुंभ सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से ही महत्वपूर्ण नहीं, बल्कि यह सांस्कृतिक और आध्यात्मिक समागम का अद्वितीय उदाहरण भी है।