नई दिल्ली: भारत में क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अपने वार्षिक समारोह में लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित करेगा। यह अवॉर्ड तेंदुलकर के शानदार क्रिकेट करियर की सराहना के रूप में दिया जा रहा है।
सचिन तेंदुलकर, जिनका नाम क्रिकेट जगत में सबसे बड़े रिकॉर्डधारियों में लिया जाता है, ने अपने करियर में 664 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 34,357 रन बनाकर इतिहास रच दिया। इस दौरान उन्होंने अपने बल्ले से कई अद्वितीय रिकॉर्ड्स भी स्थापित किए।
सचिन के शानदार आंकड़े
सचिन तेंदुलकर ने टेस्ट और वनडे दोनों ही फॉर्मेट में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। उनका रिकॉर्ड विश्व क्रिकेट में एक मिसाल बना हुआ है। टेस्ट क्रिकेट में 51 शतक और 68 अर्धशतक के साथ उन्होंने 15,921 रन बनाए। वहीं, वनडे में 49 शतक और 96 अर्धशतक के साथ 18,426 रन बनाए। सचिन एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक बनाए हैं, जो उनके महानतम बल्लेबाज होने का प्रमाण है।
सचिन के खेल की सबसे खास बात यह है कि उन्होंने इस दौरान 48.52 की औसत से 34,357 रन बनाए, जिसमें 100 शतक और 164 अर्धशतक शामिल हैं। यह आंकड़ा खुद में एक रिकॉर्ड है, जिसे तोड़ना आने वाले वर्षों में किसी के लिए भी चुनौतीपूर्ण रहेगा।
तेंदुलकर का क्रिकेट करियर
सचिन तेंदुलकर का क्रिकेट करियर 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट डेब्यू से शुरू हुआ था। तब उनकी उम्र सिर्फ 16 साल थी। इसके बाद उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और दो दशकों तक भारतीय क्रिकेट टीम का अभिन्न हिस्सा बने रहे। तेंदुलकर ने 2011 में भारत को अपना छठा और आखिरी वनडे विश्व कप जीतने में मदद की, जो उनके करियर का एक सुनहरा अध्याय था।
उनकी बल्लेबाजी ने न केवल भारत को कई मैचों में जीत दिलाई, बल्कि उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और खेल के प्रति प्रेम ने उन्हें एक आदर्श बना दिया। उनके खेल की कड़ी आलोचना करने वाले गेंदबाज भी उनके सामने घबराए रहते थे। शेन वार्न और मुथैया मुरलीधरन जैसे दिग्गज गेंदबाजों ने खुद तेंदुलकर की बल्लेबाजी की तारीफ की और माना कि उनका सामना करना सबसे कठिन था।
तेंदुलकर का योगदान
तेंदुलकर का योगदान केवल क्रिकेट के आंकड़ों तक सीमित नहीं है। उन्होंने खेल की दुनिया में भारत का नाम रोशन किया और भारत को क्रिकेट में एक नई पहचान दिलाई। उनके संघर्ष, उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन और उनके खेल के प्रति समर्पण ने उन्हें सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में एक मान्यता दिलाई। तेंदुलकर न केवल क्रिकेट के खेल के प्रतीक बने, बल्कि उन्होंने एक नई पीढ़ी को प्रेरित किया।
लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
सचिन तेंदुलकर को मिलने वाला यह लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भारतीय क्रिकेट की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। यह अवॉर्ड उन्हें 2024 के लिए भारतीय क्रिकेट के विकास में उनके योगदान के रूप में दिया जा रहा है। यह पुरस्कार पहले भी रवि शास्त्री और फारुख इंजीनियर जैसे दिग्गज क्रिकेटरों को मिल चुका है और अब तेंदुलकर इस सम्मान को पाने वाले 31वें खिलाड़ी होंगे।
यह पुरस्कार भारत के पहले कप्तान कर्नल सीके नायडू की याद में 1994 में स्थापित किया गया था। सीके नायडू का नाम भारतीय क्रिकेट के इतिहास में हमेशा रहेगा, क्योंकि उन्होंने खेल के साथ-साथ इसके प्रशासन में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।