पटना : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी बुधवार को पटना में ‘आजादी के परवाने’ कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने स्व. जगलाल को श्रद्धांजलि अर्पित की और मंच से अपनी बात रखी। राहुल गांधी ने अपने संबोधन में दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के अधिकारों पर जोर देते हुए बीजेपी और आरएसएस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि इन समूहों को असल प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया और आरोप लगाया कि बीजेपी और आरएसएस की नीतियों में दलितों और पिछड़ों के लिए कोई स्थान नहीं है।
दलितों और पिछड़ों की स्थिति पर हमला
राहुल गांधी ने कहा, “हम शिक्षा के सिस्टम की बात कर रहे हैं, लेकिन उस सिस्टम में दलितों का कोई इतिहास नहीं है। क्या दलित प्रोफेसर परीक्षा देते हैं? क्या इन लोगों की मीडिया और कॉर्पोरेट इंडिया में कोई भागीदारी है?” उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने 24 उद्योगपतियों का 16 लाख करोड़ रुपया माफ किया, लेकिन उस लिस्ट में एक भी दलित, पिछड़ा या आदिवासी का नाम नहीं है।
आंबेडकर की शिक्षाओं पर हमला और जातीय जनगणना की बात
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि बीजेपी और आरएसएस आंबेडकर जी के नाम का उपयोग करते हैं, लेकिन उन मूल्यों को खत्म कर देते हैं जिनके लिए आंबेडकर जी ने अपनी पूरी जिंदगी संघर्ष की थी। उन्होंने कहा कि दलितों की स्कॉलरशिप को समाप्त कर दिया गया है और अगर रोहित वेमुला को मार दिया जाता है तो ये लोग आंबेडकर जी के सामने हाथ जोड़ते हैं, जो उनके संघर्ष का अपमान है।
राहुल गांधी ने जातीय जनगणना कराने का संकल्प लिया और कहा कि यह जनगणना बिहार की तरह नहीं बल्कि तेलंगाना की तरह होगी। उनका कहना था कि यह केवल संख्या जानने का सवाल नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग को सक्रिय रूप से भागीदार बनाने का प्रयास होगा। उन्होंने यह भी बताया कि दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों का नौकरशाही, शिक्षा, न्यायपालिका और मीडिया में भागीदारी न के बराबर है।