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Ranchi RIMS: प्राइवेट एंबुलेंस वाले होंगे हॉस्पिटल कैंपस के बाहर, जानें रिम्स प्रबंधन ने क्यों उठाया ये कदम

by Yugal Kishor
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रांची: राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में व्यवस्था सुधारने को लेकर प्रबंधन सख्त हो गया है। कैंपस में लगने वाले प्राइवेट एंबुलेंस वालों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। इसके लिए प्रबंधन ने तैयारी शुरू कर दी है। वहीं जल्द ही सैंकड़ों प्राइवेट एंबुलेंस वालों पर कार्रवाई भी की जाएगी। बता दें कि पिछले दिनों अस्पताल प्रबंधन ने प्राइवेट एंबुलेंस संचालकों को नोटिस जारी कर 72 घंटे में पूरी डिटेल जमा करने का आदेश दिया था। लेकिन एक हफ्ते का समय बीत जाने के बाद भी किसी भी प्राइवेट एंबुलेंस वाले ने प्रबंधन को जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है।

कई प्राइवेट एंबुलेंस रिम्स स्टाफ के

हॉस्पिटल कैंपस में सैंकड़ों प्राइवेट एंबुलेंस का जमावड़ा हर दिन लगा रहता है। सुबह से लेकर रात तक यह एंबुलेंस वाले मरीजों को लाने ले जाने का काम करते हैं। इनकी मनमानी से मरीज भी परेशान है। वहीं हॉस्पिटल कैंपस को पार्किंग बना दिए जाने से ये लोग प्रबंधन के लिए सर दर्द बने हुए हैं। इन प्राइवेट एंबुलेंस में कई एंबुलेंस ऐसे हैं जो रिम्स में काम करने वाले कर्मियों और उनके परिजनों के नाम पर हैं।

सुरक्षा को दी जा रही प्राथमिकता

प्रबंधन ने पिछले हफ्ते नोटिस जारी किया था। जिसमें हॉस्पिटल कैंपस में कुछ दिनों में हुई घटनाओं और विभिन्न श्रोतों से मरीजों से पैसे उगाही संबधी प्राप्त सूचना के बाद प्रबंधन सख्ती के मोड में आ गया है। हॉस्पिटल परिसर में आने और यहां से कारोबार करने वाले प्राइवेट एंबुलेंस वालों को पूरी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया था। जिसके तहत एंबुलेंस का पूर्ण विवरण निबंधन संख्या साक्ष्य सहित, एम्बुलेंस का मॉडल नाम, मालिक का नाम, चालक का नाम, लाइसेंस और मोबाइल नंबर अपर चिकित्सा अधीक्षक रिम्स रांची के कार्यालय में जमा करने को 72 घंटे का समय दिया गया था।

मात्र 10 प्रतिनिधियों ने प्रबंधन को दी जानकारी

अस्पताल परिसर में मंत्री और विधायक के प्रतिनिधि के रूप में कार्य कर रहे हैं। ऐसे में मात्र 6 लोगों ने प्रबंधन को अपना प्राधिकार पत्र और अन्य जानकारी उपलब्ध कराई है। ये प्रतिनिधि रिम्स में इलाज के लिए आनेवाले मरीजों की मदद करते है। जबकि रिम्स सैंकड़ों ऐसे लोग घूमते रहते है और खुद को विधायक व सांसद का प्रतिनिधि बताते हैं। वहीं कई लोग मदद के नाम पर मरीजों और उनके परिजनों को भी ठगने में भी पीछे नहीं रहते। बता दें कि प्रबंधन ऐसे प्रतिनिधियों की पूरी सूचना व प्राधिकार पत्र भी अपर चिकित्सा अधीक्षक रिम्स के पास जमा करने को कहा था। लेकिन 72 घंटे से अधिक समय बीतने के बाद भी मात्र 10 लोगों ने ही जानकारी दी है। अब बिना प्राधिकार पत्र के अस्पताल परिसर में पाए जाने पर ऐसे व्यक्ति पर कानूनी कार्यवाई की जाएगी।

इस मामले में रिम्स के पीआरओ डॉक्टर राजीव कुमार ने बताया कि नोटिस जारी करने के बाद किसी भी प्राइवेट एंबुलेंस की जानकारी हमें नहीं मिली है। अब प्रबंधन इसकी मैपिंग कर रहा है। जल्द ही इनपर कार्रवाई की जाएगी। वहीं कैंपस के बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। 10 प्रतिनिधियों ने हमें जानकारी दी है। अब कोई व्यक्ति खुद को सांसद विधायक का प्रतिनिधि बताता है और पकड़ा जाएगा तो उसपर कार्रवाई की जाएगी।

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