सेंट्रल डेस्क : भारत और कतर के रिश्तों को एक नई ऊंचाई पर ले जाने के उद्देश्य से दोनों देशों के बीच अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी ने फरवरी 2024 में भारत का दौरा किया, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भारत का राजकीय दौरा करने के लिए आमंत्रित किया था। इस बार अमीर के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया, जिसमें कतर के प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री, मंत्रीगण, वरिष्ठ अधिकारी और व्यापारिक नेता शामिल हैं।
भारत और कतर के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए इस यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण चर्चा और समझौते हुए। विदेश मंत्रालय (MEA) के सचिव अरुण कुमार चटर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी ने अमीर का औपचारिक स्वागत किया। राष्ट्रपति भवन में हुई बैठक के बाद, राष्ट्रपति ने अमीर और उनके प्रतिनिधिमंडल के सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन किया।
भारत-कतर संबंधों में बढ़ेगा व्यापार और उर्जा सहयोग
भारत और कतर के बीच ऐतिहासिक व्यापारिक और लोगों के आपसी संबंधों को और मजबूती देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और अमीर के बीच हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता हुई। दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और उर्जा क्षेत्र में सहयोग को और बढ़ाने पर चर्चा की गई।
वर्तमान में भारत और कतर के बीच करीब 14 अरब डॉलर का वार्षिक व्यापार होता है, जिसे अगले पांच वर्षों में दोगुना करने का लक्ष्य तय किया गया है। कतर भारत में निवेश के लिए एक प्रमुख भागीदार देश के रूप में उभर रहा है। कतर निवेश प्राधिकरण ने वर्तमान में भारत में 1.5 अरब डॉलर का विदेशी निवेश किया है, और दोनों पक्षों ने उन क्षेत्रों की पहचान की है, जिनमें कतर निवेश बढ़ा सकता है।
भारत-कतर के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर चर्चा
भारत और कतर के बीच व्यापारिक संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत चल रही है। अरुण कुमार चटर्जी ने कहा कि दोनों पक्ष भविष्य में इस समझौते पर हस्ताक्षर करने की संभावना पर विचार कर रहे हैं। इस एफटीए से दोनों देशों के बीच व्यापार को और प्रोत्साहन मिलेगा।
उर्जा क्षेत्र में सहयोग को मिलेगा नया दिशा
भारत और कतर के बीच उर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण साझेदारी रही है। कतर, भारत के लिए उर्जा का एक प्रमुख स्रोत है, और दोनों देशों के बीच इस साझेदारी को और मजबूती देने के लिए कतर एनर्जी और पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड ने फरवरी 2024 में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत, कतर भारत को प्रति वर्ष 7.5 मिलियन मीट्रिक टन एलएनजी (लिक्विड नेचुरल गैस) की आपूर्ति करेगा, जो 2028 से शुरू होकर 20 वर्षों तक जारी रहेगा। दोनों नेताओं ने इस साझेदारी को और मजबूत बनाने के लिए अन्य उपायों पर भी चर्चा की।
कतर के साथ रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाएगा समझौता
भारत और कतर के बीच हुए समझौते ने द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ा दिया है। इस समझौते से व्यापार, निवेश, उर्जा और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। चटर्जी ने कहा कि यह समझौता भारत और कतर के बीच रिश्तों को और गहरा करेगा और दोनों देशों के बीच सहयोग को नई दिशा देगा।
कतर के अमीर को भारतीय समुदाय का समर्थन
प्रधानमंत्री मोदी ने कतर के अमीर को भारत में कतर समुदाय के समर्थन के लिए धन्यवाद भी दिया। कतर के अमीर के इस राजकीय दौरे के दौरान दो समझौतों और पांच समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए, जो भारत और कतर के रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। इस दौरे से भारत और कतर के रिश्तों में एक नया अध्याय जुड़ा है, और आने वाले समय में दोनों देशों के बीच व्यापार, उर्जा, निवेश और सुरक्षा के क्षेत्र में और भी मजबूत सहयोग की संभावना है।