पटना : बिहार में एनआईए ने जाली नोट के कारोबार में लिप्त आरोपियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। बुधवार को एनआईए की टीम ने भागलपुर और आरा जिलों में ताबड़तोड़ छापेमारी की। यह रेड जाली नोटों के कारोबार में शामिल आरोपियों के ठिकानों पर की गई। भागलपुर और भोजपुर जिलों में एक साथ हुई इन छापेमारीयों से जाली नोट के व्यापार के जाल का पर्दाफाश किया गया है। भागलपुर में एनआईए की छापेमारी बुधवार सुबह भागलपुर के इशाकचक थाना क्षेत्र के भीखनपुर में एनआईए की टीम ने छापेमारी की। इस दौरान, नजरे सद्दाम के घर पर एनआईए ने दबिश दी, जो जाली नोटों के मामले में पहले गिरफ्तार हो चुका था।
नजरे सद्दाम को सितंबर 2024 में मोतिहारी में दो लाख रुपये के जाली नोटों के साथ पकड़ा गया था। एनआईए की टीम ने इस बार उसके परिवार के सदस्यों से पूछताछ भी की और अन्य सुराग जुटाने के लिए उसके ठिकानों को खंगाला। आरा में एनआईए की रेड आरा में एनआईए ने दो अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की। पहले सहार थाना क्षेत्र के कोरन डिहरी टोला में, और फिर चौरी थाना क्षेत्र के छतरपुरा में कार्रवाई की गई। कोरन डिहरी टोला निवासी अख्तर हुसैन के बेटे मो. वारिस को पांच महीने पहले मोतिहारी में जाली नोटों के साथ गिरफ्तार किया गया था। अब, एनआईए ने उसके ठिकानों पर दबिश दी और उसकी गतिविधियों की जांच की।
एनआईए की इस ताजा छापेमारी ने बिहार में जाली नोट के कारोबार के नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। एनआईए की कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि यह कारोबार एक संगठित अपराध की तरह फैल चुका है। यह कदम अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की ओर एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, जिससे बिहार में जाली नोटों के कारोबार पर शिकंजा कसा जा सकेगा।
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