कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुए वीभत्स बलात्कार और हत्या के मामले पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने पीड़िता को अपनी ‘बहन’ बताते हुए उनके माता-पिता के प्रति संवेदना व्यक्त की और इस अपराध के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की।
सीएम ममता बनर्जी धोनो धन्यो ऑडिटोरियम में सीनियर और जूनियर डॉक्टर्स और मेडिकल छात्रों के साथ एक विशेष सभा को संबोधित कर रही थीं। इस मौके पर उन्होंने राज्य सरकार की ओर से न्याय सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला और महिलाओं के खिलाफ अपराधों को कड़ी सजा देने के लिए कानून बनाने की आवश्यकता को महसूस किया। ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि उनका सरकार ‘अपराजिता विधेयक’ लाने का समर्थन करती है, जिसमें बलात्कार के दोषियों को मृत्युदंड देने का प्रावधान है।
पीड़िता के परिवार के प्रति संवेदना
ममता ने कहा, “मैं आरजी कर अस्पताल में मारी गई हमारी बहन के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं। हम इस मामले में दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग करते हैं।” उन्होंने बताया कि वह स्वयं इस घिनौनी घटना के विरोध में सड़कों पर उतरी थीं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए ‘अपराजिता विधेयक’ पारित किया था, जो फिलहाल राष्ट्रपति के पास लंबित है।
अपराजिता विधेयक और महिलाओं के अधिकार
अपराजिता विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) 2024 को पिछले साल सितंबर में पश्चिम बंगाल विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया था। इस विधेयक में खासतौर से बलात्कार के दोषियों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान है, यदि अपराध के परिणामस्वरूप पीड़िता की मृत्यु हो जाती है या वह गंभीर रूप से घायल हो जाती है। ममता बनर्जी ने विधेयक के तत्काल कार्यान्वयन की आवश्यकता को लेकर अपने विचार व्यक्त किए और इसके लागू होने से पहले के जटिल कानूनी प्रावधानों को रेखांकित किया।
सरकार का संकल्प और व्यक्तिगत जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में यह भी कहा कि वह राज्य सरकार की ओर से अपनी पूरी ताकत इस मामले में न्याय सुनिश्चित करने के लिए लगाएंगी। ममता ने अपने भाइयों से भी अपील की कि वे अपनी बहनों की सुरक्षा को लेकर जागरूक रहें और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में अपनी जिम्मेदारी निभाएं। ममता ने कहा, “आजकल समाज में लैंगिक असमानता खत्म हो रही है, जो एक सकारात्मक बदलाव है, लेकिन हमें इसे पूरी तरह से समाप्त करने के लिए और कदम उठाने होंगे।”
राष्ट्रपति से मुलाकात
इस महीने की शुरुआत में तृणमूल कांग्रेस के कई सांसदों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की थी। इन सांसदों ने लंबित विधेयक पर चर्चा के लिए राष्ट्रपति से समर्थन की अपील की थी। इस विधेयक को राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राष्ट्रपति कार्यालय भेजा था। ममता ने इस विधेयक को जल्द से जल्द पारित करने की मांग की है ताकि महिलाओं के खिलाफ अपराधों को सख्ती से रोका जा सके और दोषियों को कठोर सजा मिल सके।
न्याय के लिए संघर्ष
सीएम ममता ने कहा, “हमारी सरकार हमेशा महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों के प्रति प्रतिबद्ध रही है। हम राज्य में किसी भी महिला के खिलाफ हिंसा को सहन नहीं करेंगे।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि कानून में बदलाव और सख्त सजा देने की दिशा में राज्य सरकार अपनी भूमिका निभाएगी, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस लड़ाई में समाज के हर वर्ग की जिम्मेदारी बनती है, विशेष रूप से पुरुषों की।
इस बयान से साफ है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर गंभीर हैं और दोषियों को कठोरतम सजा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर अपनी सरकार के संकल्प को स्पष्ट किया और उम्मीद जताई कि जल्द ही यह विधेयक कानून बन जाएगा, जिससे महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कमी आएगी।