नई दिल्ली : बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद युनस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की इच्छा जाहिर की है। इस अनुरोध को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जानकारी दी कि आगामी BIMSTEC समिट में इस मुलाकात पर विचार किया जा रहा है।
विदेश मामलों की संसदीय समिति की बैठक में उठा मुद्दा
संसदीय सलाहकार समिति (Parliamentary Advisory Committee) की बैठक में सांसदों ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर चिंता जाहिर की। इस पर जयशंकर ने बताया कि ढाका की अंतरिम सरकार का दावा है कि ये हमले ‘राजनीति से प्रेरित’ हैं। उन्होंने कहा कि भारत बांग्लादेश, मालदीव, श्रीलंका और म्यांमार के साथ संबंधों को मजबूत करने पर काम कर रहा है, जबकि पाकिस्तान के नकारात्मक रवैये के कारण SAARC निष्क्रिय हो चुका है।
BIMSTEC समिट में शामिल हो सकते हैं पीएम मोदी
जयशंकर के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी 2 से 4 अप्रैल तक थाईलैंड के बैंकॉक में आयोजित होने वाले BIMSTEC शिखर सम्मेलन में भाग ले सकते हैं। हालांकि, उनकी यात्रा की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। सांसदों द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या मोदी और मोहम्मद युनुस की इस दौरान द्विपक्षीय बैठक होगी, जयशंकर ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया और कहा कि इस पर विचार किया जा रहा है।
बैठक में अन्य मुद्दों पर भी हुई चर्चा
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों को लेकर कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल, मनीष तिवारी, शिवसेना-यूबीटी की प्रियंका चतुर्वेदी और अन्य नेताओं ने सवाल उठाए। दक्षिण भारतीय सांसदों ने मछुआरों की आजीविका और श्रीलंका के साथ विवादों को लेकर चिंता व्यक्त की है।
भारत-बांग्लादेश संबंधों पर सरकार की रणनीति
जयशंकर ने कहा कि सरकार बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ कई स्तरों पर बातचीत कर रही है और यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। बैठक में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भारत के बांग्लादेश, म्यांमार, मालदीव और श्रीलंका के साथ संबंधों पर विस्तार से जानकारी दी। भारत और बांग्लादेश के रिश्तों के लिहाज से BIMSTEC समिट काफी अहम रहेगा। प्रधानमंत्री मोदी और मोहम्मद युनुस की मुलाकात पर अभी कोई आधिकारिक फैसला नहीं हुआ है, लेकिन इस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।