रांची : चाईबासा स्थित बाल सुधार गृह से बड़ी संख्या में बाल कैदियों के फरार होने की घटना को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। मरांडी ने सोशल मीडिया पर बुधवार को लिखा कि यह घटना सुरक्षा व्यवस्था में घातक चूक को दर्शाती है। उनका कहना है कि बाल सुधार गृह का मुख्य उद्देश्य भटके हुए किशोरों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करना है, लेकिन चाईबासा की यह घटना इस बात को साबित करती है कि सरकार बाल सुधार गृह के नाम पर सिर्फ दिखावा कर रही है।
बाबूलाल मरांडी का मुख्यमंत्री से आग्रह
बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपील की कि सभी फरार किशोरों को जल्द से जल्द वापस लाया जाए और उनके लिए उचित काउंसलिंग की व्यवस्था की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो यह समाज के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला गंभीर है और इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए, ताकि यह पता चल सके कि ये बच्चे क्यों फरार हुए और इस लापरवाही के लिए कौन जिम्मेदार है।
चाईबासा की घटना
यह घटना मंगलवार की शाम की है जब पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) स्थित बाल सुधार गृह से 21 बाल कैदी फरार हो गए थे। पुलिस ने अब तक चार फरार कैदियों को पकड़ लिया है, जबकि बाकी की तलाश जारी है। इस घटना के बाद से स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठने शुरू कर दिए हैं।