संभल: उत्तर प्रदेश का जिला संभल, जो कभी हिंसा और दंगों का गवाह रहा है, अब एक नई दिशा में आगे बढ़ रहा है। 24 नवंबर को हुए दंगों के बाद से यहां के हालात में काफी बदलाव आया है, और इसका एक बेहतरीन उदाहरण रामनवमी के मौके पर निकली शोभायात्रा है। इस यात्रा का आयोजन विश्व हिंदू परिषद द्वारा किया गया था, और यह पूरी तरह से शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें याद नहीं आता कि संभल में पहले कभी रामनवमी की शोभायात्रा निकली हो।
आस्था और संस्कृति का संगम बनी शोभायात्रा
रामनवमी की शोभायात्रा में परंपरा के अनुसार आस्था और संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिला। सैकड़ों महिलाओं और पुरुषों ने इसमें भाग लिया। यात्रा में कई भव्य झांकियां सजाई गईं, जिनमें भगवान राम, बजरंग बली और अन्य देवी-देवताओं की झलक दिखाई दी। श्रद्धालु जयकारे लगाते हुए पूरे जोश के साथ यात्रा में शामिल हुए। खास बात यह रही कि कुछ युवतियों ने हाथों में नंगी तलवार लेकर करतब दिखाए, जो उनके आत्मविश्वास और साहस का प्रतीक थे।
संभल में शोभायात्रा निकालना एक ऐतिहासिक कदम
संभल के मुस्लिम बहुल क्षेत्र में इस प्रकार की शोभायात्रा की कल्पना भी करना पहले मुश्किल था। विशेष रूप से जामा मस्जिद के सामने से किसी धार्मिक जुलूस का गुजरना पहले असंभव माना जाता था। लेकिन इस बार पुलिस और प्रशासन की सक्रियता के कारण यह संभव हो सका। यात्रा के दौरान पूरे शहर में कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए थे। कई जगह मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी इस यात्रा का स्वागत किया और आपसी एकता का संदेश दिया।
शहर भर में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही
शोभायात्रा को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए पुलिस बल के साथ-साथ रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) के जवान भी तैनात किए गए थे। पूरे शहर में पुलिस अधिकारी लगातार गश्त करते नजर आए और हर गतिविधि पर निगरानी रखी गई। विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री ने पुलिस और प्रशासन का आभार प्रकट करते हुए कहा कि संभल में इससे पहले कभी इस प्रकार की शोभायात्रा नहीं देखी गई।
जामा मस्जिद के सामने पुलिस चौकी का उद्घाटन
रामनवमी के अवसर पर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया, जब डीएम राजेंद्र पेसिया ने जामा मस्जिद के सामने सत्यव्रत पुलिस चौकी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर हवन-पूजन किया गया और भगवान श्रीराम के जयकारों से वातावरण गूंज उठा। डीएम ने बताया कि यह इलाका संवेदनशील है, इसलिए यहां पर स्थायी पुलिस चौकी की स्थापना की गई है, जिससे शांति व्यवस्था बनी रहे।
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