नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एक बड़े धोखाधड़ी मामले में विनय नेगी (38) नामक एक मैनेजर को गिरफ्तार किया है। विनय नेगी पर अपने नियोक्ता, एम/एस नाब फाइनेंस एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड से 3.23 करोड़ रुपये की हेराफेरी, आपराधिक विश्वासघात और धोखाधड़ी का आरोप है। जांच में कुल मिलाकर लगभग 5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है।
कंपनी के शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि विनय नेगी, जो उनकी कंपनी में मैनेजर के रूप में कार्यरत थे, ग्राहकों को ऋण राशि वितरित करने के लिए जिम्मेदार थे। हालांकि, कंपनी के रिकॉर्ड में दिखाया गया कि ग्राहकों को धनराशि दी गई, लेकिन वास्तविक उधारकर्ताओं को कोई पैसा प्राप्त नहीं हुआ। विनय नेगी ने अपनी स्थिति का दुरुपयोग करते हुए अपने सहयोगी अमित भंडारी के साथ मिलकर 3.23 करोड़ रुपये की राशि अपने निजी बैंक खातों और भंडारी के खाते में हस्तांतरित कर दी।
प्रारंभिक जांच के बाद, दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की। जांच में पता चला कि धोखाधड़ी की राशि विनय नेगी के एसबीआई और कोटक महिंद्रा बैंक के खातों के साथ-साथ अमित भंडारी के एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के खाते में जमा की गई थी। डीसीपी अमित वर्मा, जेसीपी केआर चौरसिया और एसीपी घनश्याम के नेतृत्व में इंस्पेक्टर जसवीर और एएसआई अशोक कुमार की एक विशेष टीम ने 8 मई को विनय नेगी को उनके गाजियाबाद स्थित निवास स्थान से गिरफ्तार किया।
सहआरोपी अमित भंडारी अभी भी फरार है, और पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। पूछताछ में पता चला कि आरोपी स्टॉक मार्केट में निवेश करने के आदी हैं और ऑप्शन ट्रेडिंग के जरिए जल्दी अमीर बनने की महत्वाकांक्षा रखते हैं।
Read Also: बोकारो में लू लगने से यूपी के मजदूर की मौत, मंदिर के सामने धूप में पड़ा रहा शव