पटना: बिहार में वन्यजीव तस्करों के खिलाफ बड़ी सफलता दर्ज करते हुए पटना रेल पुलिस की डॉल्फिन टीम ने अमृतसर-हावड़ा एक्सप्रेस से 22 दुर्लभ प्रजाति के कछुए बरामद किए हैं। अनुमानित रूप से इन कछुओं की कीमत करीब 11 लाख रुपए आंकी गई है। साथ ही, 6 लीटर विदेशी शराब भी जब्त की गई है, जिसकी कीमत लगभग 5,500 रुपए बताई जा रही है।
स्लीपर कोच से बरामद हुआ संदिग्ध थैला
इस छापेमारी के दौरान अमृतसर-हावड़ा एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में यात्रियों की तलाशी के दौरान एक संदिग्ध थैला बरामद हुआ। थैले की जांच में डॉल्फिन टर्टल प्रजाति (Indian Flapshell Turtle) के 22 जीव पाए गए, जिन्हें वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित किया गया है।
विदेशी शराब भी बरामद, तस्करी की आशंका
उसी थैले से 6 लीटर विदेशी शराब भी जब्त की गई, जो आबकारी अधिनियम के उल्लंघन की श्रेणी में आता है। पटना रेल पुलिस का मानना है कि यह मामला अवैध तस्करी से जुड़ा हो सकता है और इन कछुओं को अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचने की कोशिश की जा रही थी।
वन्यजीव तस्करी का बढ़ता नेटवर्क: रेल मार्ग बना मुख्य जरिया
हाल के महीनों में पटना रेलवे स्टेशन और अन्य ट्रेनों से 100 से अधिक दुर्लभ कछुए बरामद किए गए हैं। ये कछुए आमतौर पर औषधीय उपयोग, पालतू व्यापार और अंधविश्वास आधारित मांग के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारी दाम पर बेचे जाते हैं। रेलवे रूट्स इनकी तस्करी का प्रमुख माध्यम बनते जा रहे हैं।
डॉल्फिन टर्टल: संरक्षित और दुर्लभ प्रजाति
डॉल्फिन टर्टल (Indian Flapshell Turtle) भारत में पाई जाने वाली एक अत्यंत दुर्लभ प्रजाति है। इसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के अनुसूची के तहत संरक्षित किया गया है। इसकी तस्करी दंडनीय अपराध है और दोषी पाए जाने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाती है।
पुलिस जांच में जुटी, वन विभाग को सौंपी जाएगी कछुओं की जिम्मेदारी
रेल एसपी अमृतेंदु शेखर ठाकुर ने जानकारी दी कि, “अपराध और तस्करी रोकने के लिए पटना रेल पुलिस लगातार विशेष चेकिंग अभियान चला रही है। आज की कार्रवाई में हमें 22 दुर्लभ कछुए मिले हैं, जिनकी कीमत करीब 11 लाख रुपए है। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन जांच जारी है। बरामद कछुओं को वन विभाग को सौंपा जाएगा, जो इन्हें सुरक्षित स्थानों पर छोड़ने की व्यवस्था करेगा। वहीं, आबकारी विभाग भी विदेशी शराब की बरामदगी की जांच में शामिल होगा।
बढ़ती कार्रवाई से वन्यजीव तस्करी पर सख्त नकेल
डॉल्फिन टीम की यह कार्रवाई संकेत देती है कि रेलवे मार्ग से वन्यजीव तस्करी पर नजर रखना अब और भी आवश्यक हो गया है। लगातार हो रही छापेमारियों और जांच अभियानों से तस्करी पर सख्त नकेल कसने में मदद मिल रही है।