नई दिल्ली : भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की 96वीं वार्षिक बैठक में देश के केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के लिए कई अहम घोषणाएं कीं। उन्होंने बताया कि जल्द ही जन औषधि केंद्र की तरह फसल औषधि केंद्र भी देश भर में खोले जाएंगे, जिससे किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाली कीटनाशक दवाएं और खाद सस्ती कीमतों पर मिलेंगी।
खेती के लिए आएगा नया कानून
शिवराज सिंह ने कहा कि खेती को आगे बढ़ाने के लिए एक ठोस रणनीति बनाई जा रही है, जो विकसित कृषि संकल्प अभियान के सुझावों पर आधारित होगी। उन्होंने यह भी बताया कि अमान्य (नकली या खराब) बीज, खाद और कीटनाशकों को लेकर सरकार सख्त कदम उठाएगी। इसके लिए नया कानून लाया जाएगा, जिससे इन चीजों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।
किसानों के लिए वैज्ञानिक समाधान
कृषि मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि वैज्ञानिकों को अब किसानों की जरूरत के हिसाब से काम करना होगा। किसानों को अब ऐसे यंत्र चाहिए, जो बता सके कि खाद या कीटनाशक सही है या नहीं। इससे किसानों को नुकसान से बचाया जा सकेगा। उन्होंने वैज्ञानिकों से अपील की कि शोध करते समय केवल उपलब्धियों पर नहीं, बल्कि चुनौतियों पर भी ध्यान दें।
उर्वरकों की कीमत होगी नियंत्रित
शिवराज सिंह ने कहा कि उर्वरकों की कीमत को भी नियंत्रित करना जरूरी है, ताकि किसानों को महंगे दाम पर खाद न खरीदनी पड़े। सरकार इस पर भी काम कर रही है कि खाद की कीमत सही और संतुलित रहे।
इन फसलों पर ज्यादा काम की जरूरत
उन्होंने कहा कि गेहूं, चावल और मक्का जैसी मुख्य फसलों के साथ-साथ सोयाबीन, दलहन और तिलहन पर भी और ज्यादा शोध और काम करने की जरूरत है। इसके लिए हर राज्य और हर फसल के हिसाब से अलग-अलग योजना बनाई जाएगी।
राज्यों के साथ मिलकर काम जरूरी
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि खेती का काम राज्यों का विषय होता है, इसलिए केंद्र सरकार अकेले कुछ नहीं कर सकती। राज्यों के सहयोग से ही कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि देश अब अनाज के मामले में आत्मनिर्भर बन चुका है। पहले भारत अनाज आयात करता था, अब दूसरे देशों को निर्यात कर रहा है।
दो दिन का रबी सम्मेलन
उन्होंने बताया कि रबी फसल के पहले एक बार फिर विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत किसानों तक विज्ञान और तकनीक पहुंचाने की कोशिश होगी। इसके लिए एक दो-दिवसीय रबी सम्मेलन भी किया जाएगा। पहले दिन योजना बनेगी और दूसरे दिन सभी राज्य मिलकर उस योजना को अंतिम रूप देंगे।इस बैठक में कई राज्यों के कृषि मंत्री, अधिकारी और वैज्ञानिक भी शामिल हुए। सबका एक ही लक्ष्य था – किसानों की आय बढ़ाना और खेती को लाभकारी बनाना।
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