RANCHI (JHARKHAND): राजधानी रांची में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। भाकपा माओवादी के कुख्यात सब-जोनल कमांडर योगेन्द्र गंझू उर्फ पवन समेत चार नक्सलियों को रांची पुलिस और सुरक्षाबलों ने गिरफ्तार किया है। इन पर सीसीएल के एक कर्मी से एक करोड़ रुपये की लेवी मांगने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप है।
हथियार व कारतूस बरामद
गिरफ्तार नक्सलियों में योगेन्द्र गंझू के अलावा मुकेश गंझू, मनु गंझू और राजकुमार नाहक शामिल हैं। पुलिस ने इनके पास से लोडेड देशी पिस्टल, तीन जिंदा कारतूस, लेवी मांगने में इस्तेमाल हुआ मोबाइल फोन और प्रतिबंधित संगठन के सात पर्चे बरामद किए हैं। डीआईजी सह एसएसपी चंदन सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि 25 जून को सीसीएल महाप्रबंधक कार्यालय में कार्यरत एक कर्मी को ‘मनोज जी’ के नाम से फोन कर एक करोड़ रुपये की लेवी मांगी गई थी। तय समय सीमा तक रकम नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी गई थी। मामला खलारी थाने में दर्ज किया गया और छानबीन शुरू हुई।
घेराबंदी कर हुई गिरफ्तारी
देर रात पुलिस को सूचना मिली कि मैक्लुस्कीगंज थाना क्षेत्र के बक्सी बंगला चट्टी नदी किनारे कुछ नक्सली लेवी वसूली के लिए जमा हुए हैं। तत्काल छापेमारी अभियान चलाया गया और घेराबंदी कर चार नक्सलियों को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में योगेन्द्र गंझू ने बताया कि वह वर्ष 2006 में भाकपा माओवादी उग्रवादी संगठन में शामिल हुआ था। इसके कार्य को देखते हुए इसे वर्ष 2006 के अंत में गारू सरजु क्षेत्र का एरिया कमांडर बना दिया गया। फिर इसे उसी क्षेत्र का वर्ष 2009 में सब-जोनल कमांडर बनाया गया। यह सबसे पहले वर्ष 2006 में ही गारू (लातेहार) थाना के केस में जेल गया था तथा वर्ष 2008 में जेल से छूटने के बाद पुनः संगठन में शामिल हो गया। 2012 में रातू थाना क्षेत्र से गिरफ्तार होकर जेल गया था तथा वर्ष 2022 में जेल से छूटने के बाद पार्टी से दूरी बनाकर रह रहा था और अपने केस में कोर्ट में हाजिर होने जाता था। पैसे की कमी हो जाने और माओवादी के कोयल शंख क्षेत्र के जोनल कमाण्डर रविन्द्र गंझू के निष्क्रिय हो जाने के कारण यह मुकेश गंझू, मन्नु गंझू एवं राजकुमार नाहक के साथ मिलकर इस क्षेत्र में पार्टी को खड़ा किया। क्षेत्र के ठेकेदारों, व्यवसायियों, क्रशर मालिकों तथा ईट भट्ठा मालिकों को जान मारने की धमकी देकर लेवी मांगना शुरू किया था।