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Kolhan University में कुलसचिव की नियुक्ति के बाद भी योगदान में विलंब, यूनिवर्सिटी प्रशासन की कार्यशैली पर उठे सवाल, पारदर्शिता की मांग

इससे न केवल विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आएगी बल्कि जिम्मेदार प्रशासन की छवि भी कायम रहेगी।

by Reeta Rai Sagar
Delay in joining despite appointment of Registrar at Kolhan University; questions raised on university administration.
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Jamshedpur (Jharkhand) : कोल्हान विश्वविद्यालय में नव नियुक्त कुलसचिव की अब तक हुई अनदेखी ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। राज्यपाल नामित सीनेट सदस्य सोनू ठाकुर ने शनिवार को इस मुद्दे पर गहरी चिंता जताते हुए राज्यपाल सह कुलाधिपति को एक पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।

डेढ़ महीने से अटका है कुलसचिव का योगदान

सोनू ठाकुर ने अपने पत्र में बताया कि झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) ने 5 जून 2025 को कोल्हान विश्वविद्यालय में कुलसचिव की नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी थी। इसके बावजूद अब तक नव नियुक्त कुलसचिव ने योगदान नहीं किया है। इस देरी पर ठाकुर ने गहरा असंतोष जताते हुए कहा, “जब विश्वविद्यालय लगातार शिक्षकों और अधिकारियों की कमी का रोना रोता है, तो नियुक्त कुलसचिव के योगदान में विलंब समझ से परे है।”

प्रशासनिक अनियमितता की जताई आशंका

सोनू ठाकुर ने पत्र में स्पष्ट रूप से कहा कि यह देरी सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही नहीं बल्कि कहीं न कहीं विश्वविद्यालय की गलत मंशा या संभावित अनियमितताओं की ओर भी इशारा कर रही है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति न केवल कार्यप्रणाली को बाधित कर रही है, बल्कि विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता और विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिह्न लगा रही है।

लंबे समय से स्थायी कुलसचिव की कमी

ठाकुर ने पत्र में उल्लेख किया कि कोल्हान विश्वविद्यालय काफी समय से नियमित कुलसचिव और स्थायी प्रशासनिक नेतृत्व के अभाव से जूझ रहा है। इसके कारण विश्वविद्यालय में निर्णय प्रक्रिया बाधित हो रही है और शैक्षणिक कार्यों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

राज्यपाल से की हस्तक्षेप की मांग

सोनू ठाकुर ने महामहिम राज्यपाल से आग्रह किया कि वे इस विषय को गंभीरता से लेते हुए कोल्हान विश्वविद्यालय प्रशासन को निर्देश दें कि नव नियुक्त कुलसचिव का त्वरित योगदान सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने कहा कि इससे न केवल विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आएगी बल्कि जिम्मेदार प्रशासन की छवि भी कायम रहेगी।

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