Jamshedpur News : जमशेदपुर समेत पूर्वी सिंहभूम जिले में उर्दू स्कूलों को उर्दू माध्यम की किताबें नहीं मिल पा रही हैं। उर्दू माध्यम से पढ़ने वाले बच्चे भी हिंदी की किताबों से ही पढ़ाई कर रहे हैं। अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हिदायतुल्ला खान और उपाध्यक्ष शमशेर आलम ने जमशेदपुर के सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद कहा कि वह उर्दू किताबें को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से शिकायत करेंगे। उर्दू किताबें के वितरण को लेकर उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दोषी ठहराया।
उन्होंने कहा कि जमशेदपुर सर्किट हाउस में अल्पसंख्यक आयोग की साल की पहली मीटिंग है। अब सभी जिलों में मीटिंग होगी और इस बात की समीक्षा की जाएगी की केंद्र या राज्य सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का कितना लाभ जनता को मिलता है। मंगलवार को रांची सर्किट हाउस में समीक्षा मीटिंग होगी।
जमशेदपुर सर्किट हाउस में हुई मीटिंग में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अलावा वीडियो को मानगो नगर निगम, जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति और जुगसलाई नगर परिषद के अधिकारियों के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे। अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हिदायतुल्ला खान ने बताया कि पिछले साल भी समीक्षा बैठक की गई थी और कुछ दिशा निर्देश दिए गए थे। इस साल की मीटिंग में देखा गया कि इन दिशा निर्देशों पर कितना पालन हुआ।
अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि जिले में उर्दू किताबें और उर्दू शिक्षकों को लेकर शिक्षा विभाग ने कोई काम नहीं किया। ना तो उर्दू शिक्षकों की भर्ती हुई और ना ही उर्दू किताबें दी गईं। अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि जो निजी विद्यालय हैं वहां भी जर्मन या संस्कृत भाषा पढ़ाई जा रही है। जबकि, इन स्कूलों में उर्दू नहीं तो बांग्ला भाषा ही पढ़ाई जाए। ताकि, बांग्ला भाषा बच्चों को भी लाभ मिल सके। अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष शमशेर आलम ने बताया कि उर्दू शिक्षकों के 72 पद 4 साल से रिक्त हैं। इसके लिए सरकार नहीं बल्कि प्रबंधन और शिक्षा विभाग के अधिकारी दोषी हैं।
उन्होंने कहा कि जिले में अल्पसंख्यक इलाकों में उप स्वास्थ्य केंद्र भी नहीं बनाए गए। सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया है कि वह अल्पसंख्यक इलाकों में स्वास्थ्य उपकेंद्र बनाने के लिए प्रस्ताव सरकार को भेजें। इस बैठक में कब्रिस्तान की चहारदीवारी, छात्रावास निर्माण आदि को लेकर भी समीक्षा की गई।