नई दिल्ली : संसद के विशेष सत्र के दौरान भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी के एक बयान ने पार्टी को मुसिबत में डाल दिया है। बिधूड़ी ने बहुजन समाज पार्टी के सांसद कुंवर दानिश अली के खिलाफ ऐसे अपशब्दों का इस्तेमाल किया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को तुरंत सदन में खेद जताना पड़ा। यही नहीं उनकी टिप्पणी को संसद के कार्यवायी से बाहर कर दिया गया। इस बयान के बाद जहां विपक्ष हमलावर है वहीं बैकफुट पर है।
जबकि इससे पहले इस सत्र को नरेंद्र मोदी सरकार के लिए ट्रंप कार्ड माना जा रहा था। क्योंकि इस सत्र के दौरान नए संसद भवन में काम काज शुरू हुआ वहीं महिला आरक्षण बिल भी पास जिसका वाहवाही मोदी सरकार लूट रही थी। लेकिन बीजेपी के सांसद रमेश बिधूड़ी की अभद्र और आपत्तिजनक भाषा ने इन सब पर पानी फेर दिया।
नेता लगातार दे रहे विवादित बयान:
हालांकि हाल के दिनों में में अगर नेताओं के बयानबाजी को देखें तो ऐसे कई बयान सामने आया है फिर चाहे तमिलनाडु के सीएम के बेटे उदयनीधि का सनातन धर्म को लेकर बयान हो या सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का हिंदू शब्द को लेकर दिया गया बया हो। या फिर बिहार के शिक्षा मंत्री का रामचरितमान को लेकर दिया गया बयान हो। यह सभी बयान जानबूझकर और सोचसमझ कर दिए जा रहे हैं। लेकिन बिधूड़ी ने जो संसद में बयान दिया इस लिए उसकी अधिक आलोचना हो रही है।
भाजपा ने बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी की:
मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी ने बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, लेकिन विपक्ष सदन से उन्हें निलंबित करने की मांग कर रहा है। क्या बीजेपी अपने सांसद के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगी? जानकार बताते हैं कि इसकी संभावना बहुत कम है। उनकी मानें तो बिधूड़ी के खिलाफ बिजेपी की कार्रवाई कारणबताओ नोटिस तक ही जारी रहेगी। क्योंकि ऐसे बयान बीजेपी को शूट करता है। इसके साथ ही पार्टी का एक धड़ा यह भी कह रहा है कि विपक्ष बिधूड़ी के बयान पर तो हमलावर हो रहा है लेकिन उदयनीधि व स्वामी प्रसाद मौर्च पर चुप्पी साध रहा है जबकि उन दोनों के बचान भी घोर आपत्तिजनक थे।
पीएम मोदी हैं नाराज:
कहा जा रहा है कि बिधूड़ी के बयान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी नाराज हैं। क्योंकि उन्होंने खुद पुरानी संसद से नई संसद में जाने के दौरान जो कहा था कि सांसदों को संसद में मर्यादित भाषा का उपयोग करना चाहिए। उसके ठीक एक दिन बाद ही इस तरह का आपत्तिजनक बयान आया उससे पार्टी में जाहिर सी बात है कि थोड़ी बेचैनी और थोड़ी सी नाराजगी है। लेकिन यह कुछ दिनों तक ही रहेगा।
दानिश अली ने मामले को प्रिविलेज कमेटी के पास भेजने की उठाई है मांग:
बिधूड़ी ने बसपा के जिस सांसद दानिश अली के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया था उन्होंने मामले को प्रिविलेज कमेटी में भेजने की मांग कर सदन छोड़ने की चेतावनी दी है। विपक्षी दलों का भी कहना है कि हमारे सांसदों को सदन से तुरंत निष्कासित कर दिया जाता है, पर अपने सांसद को भाजपा ने सिर्फ चेतावनी दी है, जबकि खुद पीएम मोदी भाषा और आचरण की बात कर चुके हैं। तब ऐसी आपत्तिजनक भाषा के बाद भी नरमी क्यों? कांग्रेस का आरोप है कि इस तरह की कार्रवाई में विरोधाभास क्यों है।