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एक ऐसा पर्व जो तीन साल के बाद आता है, जानें क्या है इसकी मान्यता

by Rakesh Pandey
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धर्म-कर्म डेस्क, नई दिल्ली: एक ऐसा पर्व है जो तीन साल में केवल एक ही बार आता है। यह पर्व धार्मिक पर्व-त्योहार की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। विशेष रूप जिन भक्तों के विवाह में देरी, नौकरी और व्यापार में बाधा आ रही हो, उसके लिए यह पर्व बहुत महत्वपूर्ण है। भगवान गणेश को समर्पित ये व्रत 3 साल में एक बार आता है। इस पर्व का नाम विभुवन संकष्टी चतुर्थी है। यह पर्व मलमास में ही आता है।

जाने कब मनाया जायेगा विभुवन संकष्टी चतुर्थी?

भगवान गणेश को समर्पित विभुवन संकष्टी चतुर्थी पर्व आगामी 4 अगस्त को होगा। इस व्रत को करने से भक्तों को कष्टों से मुक्ति भी मिलती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन भक्तों को भगवान गणेश की विशेष पूजा-अर्चना करना चाहिए। सावन और मलमास एक साथ चल रहा है। ऐसे में इस पर्व का महत्व और भी ज्यादा है। इस माह हिंदू पंचांग के अनुसार चतुर्थी तिथि 4 अगस्त को पड़ेगा। इस दिन विभुवन संकष्टी चतुर्थी है इस चतुर्थी तिथि को विभिन्न संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है।

विभुवन संकष्टी के दिन गणेश की पूजा से शीघ्र होता है विवाह

सनातन धर्म में भगवान गणेश को सभी तरह के शुभ कामों में पहले पूजे जाने वाले देवताओं में से एक है। भगवान गणेश के आशीर्वाद के बिना कोई काम शुरू नहीं होता। ऐसा माना जाता है कि जिन भक्तों को शादी विवाह में विलंब, व्यापार में बाधा, नौकरी में तरक्की जैसे समस्या होती है। उनके लिए यह दिन बहुत शुभ होता है। तीन साल में एक ही बार आता है, इसलिए हर कोई इस दिन को भगवान गणेश की विशेष पूजा करते है।

इस तरह पूजा का है विधान

भक्तों को चतुर्थी के दिन अपने अपने घरों में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित कर पूजा करना चाहिए। विशेष रूप से उन्हें दुर्वा अर्पित करे, क्योंकि भगवान गणेश को दुर्वा बहुत प्रिय है। जिस जातक को शादी में विलंब हो रहा हो उन्हें इस दिन गणेश जी को दुर्वा अर्पित करे।

वहीं जो जातक को व्यापार व धन से जुड़ी समस्या हो उन्हें पूजा के समय हल्दी के पांच गाठ गणेश जी को अर्पित करना चाहिये। साथ ही गुड़ और घी का भोग लगाना चाहिए। इसके अलावा गाय को अन्न खिलाना चाहिए। ऐसे करने से गणेश जी प्रसन्न होते है। इसके अलावा कोई अन्य बाधा से पीड़ित हो तो इसके लिए भगवान गणेश की प्रतिमा के समक्ष “ओम गं गणपतये नम:” का 108 बार जाप करने से लाभ मिलता है।

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