नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा में आज एक दिलचस्प और गरमागरम बहस का माहौल था। जहां एक ओर दिल्ली सरकार द्वारा पेश की गई CAG (कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल) रिपोर्ट पर चर्चा होनी थी, वहीं दूसरी ओर विधानसभा में जोरदार हंगामा हुआ, जिसके कारण आम आदमी पार्टी (AAP) के सभी विधायकों को दिनभर के लिए सस्पेंड कर दिया गया। खासकर नेताप्रतिपक्ष आतिशी के नेतृत्व में आप के विधायकों ने हंगामा करते हुए उपराज्यपाल के अभिभाषण का विरोध किया।
CAG रिपोर्ट पेश, लेकिन हंगामा छिड़ा
सदन में आज सबसे पहले CAG रिपोर्ट को पटल पर रखा गया। इस रिपोर्ट में दिल्ली सरकार के वित्त, सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे, वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण, शराब विनियमन और दिल्ली परिवहन निगम (DTC) के कार्यों की समीक्षा की गई है। इस रिपोर्ट को लेकर कई आरोप लगाए जा रहे हैं, और यही कारण था कि जैसे ही रिपोर्ट पेश की गई, दिल्ली विधानसभा में हंगामा शुरू हो गया। विपक्षी दलों का आरोप था कि AAP सरकार ने जानबूझकर इस रिपोर्ट को लटकाए रखा था। बीजेपी का कहना है कि यह रिपोर्ट सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर करेगी, खासकर शराब नीति और शीश महल जैसे विवादों को लेकर।
हंगामे के बीच AAP के विधायक निलंबित
हंगामे के कारण, दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने विपक्षी पार्टी आम आदमी पार्टी के 12 विधायकों को पूरे दिन के लिए निलंबित कर दिया। इस दौरान आप विधायक संजीव झा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कल सीएम ऑफिस में डॉ. बीआर अंबेडकर की तस्वीर की जगह पीएम मोदी की तस्वीर लगाई गई थी। जब हमने स्पीकर से यह सवाल पूछा कि क्या पीएम मोदी डॉ. अंबेडकर से बड़े हैं, तो हमें निलंबित कर दिया गया। यह बयान और विरोध प्रदर्शन विधानसभा में और भी गरमाते गए, जिससे विधानसभा का माहौल और भी तनावपूर्ण हो गया।
बीजेपी का आरोप: AAP सरकार ने रिपोर्ट रोक रखी थी
बीजेपी का कहना है कि AAP सरकार ने जानबूझकर CAG रिपोर्ट को लटकाए रखा था ताकि जनता को सही जानकारी न मिल सके। बीजेपी नेताओं का यह भी दावा है कि यह रिपोर्ट AAP के भ्रष्टाचार का काला चिट्ठा खोलेगी, जिसमें शराब नीति और अन्य विवादों के मामलों में सरकार की जिम्मेदारी स्पष्ट होगी। वहीं, AAP का कहना है कि रिपोर्ट पहले से ही केंद्र सरकार के पास थी और इसे राजनीतिक कारणों से विलंबित किया गया है।
CAG रिपोर्ट की अहमियत
CAG रिपोर्ट्स भारतीय संविधान के तहत अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती हैं, क्योंकि ये रिपोर्ट्स सरकार द्वारा जनता के धन के उपयोग में पारदर्शिता सुनिश्चित करती हैं। इन रिपोर्ट्स को विधानसभा में पेश करना अनिवार्य होता है, ताकि उस पर चर्चा की जा सके और सरकार की वित्तीय स्थिति का आकलन किया जा सके।
दिल्ली के लिए यह रिपोर्ट खास तौर पर महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें राज्य के वित्तीय प्रबंधन, सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे और पर्यावरण संबंधी मुद्दों का भी जिक्र है। इन रिपोर्ट्स के माध्यम से AAP पर राजनीतिक दबाव बढ़ सकता है, खासकर शराब नीति जैसे मुद्दों को लेकर पहले से ही बीजेपी ने आरोप लगाए हैं।
क्या होगी आगे की स्थिति?
रिपोर्ट के पेश होने के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे क्या कदम उठाए जाते हैं। AAP के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति हो सकती है, क्योंकि बीजेपी ने इसे भ्रष्टाचार के सबूत के रूप में पेश किया है। वहीं, AAP भी इसे एक राजनीतिक हमला मानती है और यह दावा करती है कि रिपोर्ट पहले ही केंद्र सरकार के पास थीं। दिल्ली विधानसभा का यह हंगामा न केवल दिल्ली बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन चुका है। अब विधानसभा में अगली कार्रवाई और रिपोर्ट पर होने वाली चर्चा से यह साफ होगा कि AAP और बीजेपी के बीच का यह विवाद किस दिशा में जाएगा।
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