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उत्तराखंड चारधाम प्रोजेक्ट के निर्माणाधीन सुरंग में हादसा, 40 मजदूर फंसे

by Rakesh Pandey
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देहरादून: उत्तराखंड में एक बड़ी दुर्घटना सामने आयी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक चारधाम सड़क परियोजना के तहत यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा से पोलगांव के बीच बनाए जा रहे राज्य के सबसे लंबी (4.5 किमी) सुरंग में भूस्खलन हो गया। सुरंग में मलबा आने के कारण 34 से 40 मजदूर सुरंग के अंदर फंस गए हैं। बताया जा रहा है कि निर्माणाधीन सुरंग में 12 घंटे की शिफ्ट खत्म कर मजदूर दीपावली की छुट्टी मनाने वाले थे, सुबह 8 बजे शिफ्ट खत्म होने वाली थी कि उससे पहले हादसा हो गया।

जो जानकारी सामने आ रही है कि उसके तहत सुरंग के सिलक्यारा वाले मुहाने के पास सुरंग का 30 से 35 मीटर हिस्सा टूट गया। जिसकी वजह से निर्माण कार्य में लगे मजदूर सुरंग के अंदर ही फंस गए। सभी मजजूदर, बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, हिमाचल व उत्तराखंड के बताए जा रहे हैं।

राहत व बचाव कार्य जारी, सभी मजदूर सुरक्षित:

जो जानकारी सामने आ रही है कि उसके तहत उत्तरकाशी-यमनोत्री मार्ग पर सिल्क्यारा टनल में राहत और बचाव कार्य चल रहा है। इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) जवान रणवीर सिंह चौहान ने बताया कि बचाव कार्य बहुत तेजी से चल रहा है।उन्होंने कहा कि राहत की बात यह है कि हम टनल में फंसे मजदूरों से बात कर पा रहे हैं और वे सभी सुरक्षित हैं ।

मजदूरों को ऑक्सीजन और पानी उपलब्ध कराया गया:

उत्तरकाशी सुरंग हादसे पर उत्तरकाशी के सर्किल ऑफिसर प्रशांत कुमार ने बताया कि सुरंग के अंदर 34 लोगों के फंसे होने की अब तक आधिकारिक पुष्टि की गई हैं। सभी सुरक्षित हैं, उन्हें ऑक्सीजन और पानी उपलब्ध कराया है। बचाव दल के लोग सुरंग के अंदर लगभग 15 मीटर तक चले गए हैं, और लगभग 35 मीटर की दूरी अभी भी तय करना बाकी है। सोमवार की शाम तक बचाव टीम उन तक पहुंच जाएंगे। सुरंग के अंदर जाने के लिए बगल में रास्ता बनाया जा रहा हैं।

जानिए परियोजना के बारे में:

चारधाम सड़क परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजना है। इसके तहत यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा से पोलगांव के बीच राज्य की सबसे लंबी (4.5 किमी) सुरंग बनाई जा रही है। जहां यह हादसा हुआ है। इस सुरंग का सिर्फ 500 मीटर हिस्सा ही बचा है। ऐसे में दिन-रात दो शिफ्ट में मजदूर इस सुरंग के निर्माण कार्य में लगे हुए हैं। इसे अगले वर्ष के शुरुआती महीनों में ही शुरू करने की योजना है।

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