पटना : बिहार भवन निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता, तारिणी दास के खिलाफ नीतीश सरकार ने सख्त कदम उठाया है। दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की गई छापेमारी में उनके घर से करोड़ों रुपये की नकदी बरामद हुई थी। इस मामले में सरकार ने तत्काल प्रभाव से उनकी संविदा रद्द कर दी है।
ED की छापेमारी में बरामद हुई बड़ी रकम
तारिणी दास के खिलाफ यह कार्रवाई तब हुई जब 28 मार्च को समाचार पत्रों में यह खबर आई कि उनके पटना स्थित आवास पर ईडी ने छापेमारी की थी। इस रेड में अधिकारियों ने 11.64 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की। यह रकम इतनी बड़ी थी कि इससे यह सवाल उठने लगा कि क्या दास ने अपने पद का दुरुपयोग कर इतनी भारी रकम जुटाई थी।
मुख्य अभियंता की संविदा रद्द
बिहार सरकार ने भवन निर्माण विभाग की ओर से एक आधिकारिक पत्र जारी करते हुए जानकारी दी कि तारिणी दास की संविदा को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जा रहा है। विभाग ने यह भी बताया कि दास को सेवानिवृत्ति के बाद संविदा के आधार पर नियुक्त किया गया था। हालांकि, उनके खिलाफ कई शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिसमें उनसे निविदा रद्द करने के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया था, लेकिन उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया। इससे यह साबित होता है कि दास ने सरकारी नियमों का उल्लंघन किया था।
दास की कार्रवाई और ED की जांच
ईडी की कार्रवाई में यह खुलासा हुआ कि दास ने अपने पद का गलत उपयोग किया था। उनके खिलाफ यह आरोप था कि उन्होंने निर्धारित समय से पहले बीओक्यू अपलोड किए, जो कि सरकारी प्रक्रिया के खिलाफ था। इसके अलावा, उनकी गतिविधियां सरकारी नियमों का उल्लंघन और स्वेच्छाचारिता का उदाहरण बन रही थीं।
दास और आईएएस संजीव हंस का कनेक्शन
इस मामले में एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ है, जिसमें तारिणी दास का कनेक्शन बिहार सरकार के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संजीव हंस से सामने आया है। हालांकि, अब तक इस कनेक्शन के बारे में और अधिक जानकारी नहीं मिली है, लेकिन यह मामला जांच एजेंसियों के लिए एक और सिरदर्द बन सकता है।
विभागीय कार्यवाही की तैयारी
राज्य सरकार ने दास के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने की भी योजना बनाई है। सरकार के संयुक्त सचिव रविंद्र कुमार द्वारा जारी पत्र में बताया गया कि दास के खिलाफ जांच एजेंसी की छापेमारी और भारी नकदी की बरामदगी उनके पद के अनुरूप होने वाले आचरण के खिलाफ है। इसके चलते उनके संविदा नियोजन को तुरंत रद्द किया गया है। इसके अलावा, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू की जाएगी, जिसका प्रस्ताव सक्षम प्राधिकरण से अनुमोदित किया जा चुका है।