जामताड़ा : झारखंड के जामताड़ा इलाके से जुड़े साइबर अपराधों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई में छह साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने 11 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की है। ये सभी आरोपी साइबर अपराधों में माहिर है और चैट जीपीटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और अन्य तकनीकी विशेषज्ञताओं का इस्तेमाल कर ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। इन अपराधियों ने देशभर में लोगों को अपनी जाल में फंसाया और बड़ी मात्रा में वित्तीय धोखाधड़ी की।
विशेषज्ञ तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल
इन ठगों की ओर से ठगी के लिए इस्तेमाल की गई तकनीक बेहद उन्नत थी। इन ठगों ने साइबर अपराधों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और चैट जीपीटी जैसे अत्याधुनिक टूल्स का सहारा लिया। इनकी मदद से यह अपराधी विभिन्न बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और अन्य संवेदनशील डेटा की चोरी कर रहे थे। उन्हें विभिन्न वेबसाइटों और प्लेटफॉर्म्स से बड़ी मात्रा में व्यक्तिगत जानकारी मिल रही थी, जिसका इस्तेमाल वह शिकारियों को ठगने के लिए कर रहे थे।
शिकारियों का बड़ा नेटवर्क
गिरफ्तार किए गए ठगों के मोबाइल फोन से पता चला है कि उन्होंने कुल 2700 से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाया है। ठगों ने इन शिकारियों से व्यक्तिगत जानकारी हासिल करने के बाद, उन्हें धोखाधड़ी के माध्यम से भारी वित्तीय नुकसान पहुंचाया। इसके अलावा, इन अपराधियों के पास 25 लाख से ज्यादा मैसेज का आदान-प्रदान का रिकॉर्ड भी मिला है, जो उनके नेटवर्क और ठगी की गतिविधियों के व्यापक होने की पुष्टि करता है।
बैंक खातों के डेटा का भी खुलासा
अधिकारीयों ने यह भी बताया कि आरोपियों के मोबाइल फोन से 2000 से ज्यादा पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और 500 से ज्यादा कैनरा बैंक खाताधारकों के व्यक्तिगत डेटा का पता चला है। यह डेटा आरोपियों के मोबाइल पर अपलोड था और इसका इस्तेमाल ठगी में किया जा रहा था। इन अपराधियों के पास ऐसे संवेदनशील डेटा का होना यह बताता है कि उन्होंने साइबर अपराध में अपनी पहुंच और तकनीकी जानकारी का पूरा फायदा उठाया।
आधिकारिक जांच और सहयोग
इस मामले में जांच करने के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (Cyber Crime Coordination Centre) और गृह मंत्रालय से भी सहायता ली गई। इन एजेंसियों ने अपराधियों का पता लगाने और उन्हें गिरफ्तार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अधिकारियों के अनुसार, यह गिरफ्तारियां साइबर अपराधों के खिलाफ एक बड़ी जीत मानी जा रही हैं, लेकिन अब भी कई अन्य मामलों की जांच चल रही है।
साइबर सुरक्षा को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत
यह घटना एक बार फिर साइबर सुरक्षा के महत्व को उजागर करती है। अब तक लाखों लोग इस तरह की ठगी का शिकार हो चुके हैं, जिससे यह साफ है कि साइबर ठगों के लिए साइबर स्पेस एक आसान और सुरक्षित स्थान बन चुका है। इस स्थिति में आम नागरिकों को सतर्क रहकर और साइबर सुरक्षा के नियमों का पालन करके अपनी जानकारी और धन की सुरक्षा करनी चाहिए।
इस घटना के बाद, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने सलाह दी है कि लोग संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी को शेयर करने से पहले पूरी तरह से सुनिश्चित करें। साथ ही, बैंकिंग ऐप्स, सोशल मीडिया अकाउंट्स और अन्य ऑनलाइन सेवाओं के लिए मजबूत पासवर्ड और द्वि-कारक प्रमाणीकरण का उपयोग करना चाहिए ।
अबतक ढाई लाख से ज्यादा लोगों को ठगी का बनाया शिकार
जामताड़ा पुलिस ने तकरीबन महीनेभर की पड़ताल के बाद छह शातिरों के एक ऐसे साइबर ठग गिरोह को दबोचा है, जो साइबर अपराध के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का सहारा लेते थे। इन शातिरों ने देशभर के तकरीबन ढाई लाख से भी ज्यादा लोगों को अबतक ठगी का शिकार बनाया है। ठगी के लिए ये अपराधी पीएम किसान योजना एपीक, पीएम फसल बीमा योजना एपीके, कई बैंकों के एपीके व एनपीसीआई इंटरनेशनल आदि के नाम से फर्जी मोबाइल एपीके बनाकर लोगों के मोबाइल नंबरों पर विभिन्न सोशल साइट्स पर डालकर ठगी का शिकार बनाया है। सभी शातिरों के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है।
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जामताड़ा एसपी एहतेशाम वकारिब ने बताया कि काफी दिनों से पुलिस टीम इन शातिरों को दबाेचने की फिराक में जुटी थी। ये शातिर जामताड़ा के नारायणपुर थाना क्षेत्र में एक सुनसान जगह पर साइबर ठगी को अंजाम देने को जुटे थे। पुलिस के हत्थे चढ़े ये मास्टर माइंड अपराधी गिरिडीह के अहिल्यापुर थाना क्षेत्र के बांकीकला गांव का मेहबूब आलम उर्फ डीके बोस, सफाउद्दीन अंसारी, आरिफ अंसारी उर्फ डीके, इसी थाना क्षेत्र के लखनपुर गांव का जसीम अंसारी, गिरिडीह के गांडेय थाना क्षेत्र के महजारी का शेख बेलाल उर्फ डीके और जामताड़ा के करमाटाड़ थाना क्षेत्र के सियाटांड़ का रहने वाला अजय मंडल है।
ट्रेनी आईपीएस राघवेंद्र शर्मा, डीएसपी चंद्रशेखर और इंस्पेक्टर जयंत तिर्की की अगुवाई में छापेमारी के दौरान इन शातिरों के पास से पुलिस टीम ने 14 मोबाइल, 23 फर्जी आईडी पर लिए गए सिम कार्ड, दो लग्जरी गाड़ियां, एक डीएसएलआर कैमरा, एक ड्रोन कैमरा व 1,08,800 रुपये कैश बरामद किए हैं।
इनके मोबाइल से मोबाइल से 2700 ठगी के शिकार हो चुके लोगों का मिला है। साथ ही ठगी के लिए 25 लाख से ज्यादा बार मैसेज आदान-प्रदान करने के साक्ष्य मिले हैं। इनके पास से 2000 पंजाब नेशनल बैंक और 500 कैनरा बैंक खाताधारकों के डेटा का भी बरमाद हुआ है। पुलिस की टैक्निकल सेल की टीम गहनता से इनकी जांच में जुटी है।
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