सेंट्रल डेस्क : गौतम अडानी, जो भारत के सबसे बड़े कारोबारी समूह अडानी ग्रुप के चेयरमैन हैं, हाल ही में दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में एक बड़ी गिरावट का सामना कर रहे हैं। अमेरिका में उनके खिलाफ चल रही जांच और सिक्योरिटी एक्सचेंज कमीशन (SEC) द्वारा लगाए गए आरोपों के कारण अडानी की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है। इसका सीधा असर उनके व्यक्तिगत नेट वर्थ पर पड़ा है, और वे एक ही झटके में दुनिया के अरबपतियों की सूची में नीचे खिसक गए हैं।
शेयरों में भारी गिरावट
अमेरिका में गौतम अडानी के खिलाफ एक बड़ा रिश्वत कांड सामने आने के बाद, उनकी कंपनियों के शेयरों में नाटकीय गिरावट आई है। 265 मिलियन डॉलर (करीब 2200 करोड़ रुपये) के रिश्वत मामले को लेकर लगे आरोप पर यह कहा गया है कि उनकी कंपनियों ने भारतीय अधिकारियों को एक सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट दिलाने के लिए यह रिश्वत दी थी। इस मामले के बाद, अडानी की नेट वर्थ को एक बड़ा झटका लगा है। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, उनकी संपत्ति अब 70.8 अरब डॉलर रह गई है। पिछले 24 घंटों में उनकी संपत्ति में 1.19 अरब डॉलर (करीब 10,000 करोड़ रुपये) की गिरावट आई है।
अरबपतियों की सूची में गिरावट
गौतम अडानी की संपत्ति में आई इस गिरावट का असर उनकी रैंकिंग पर भी पड़ा है। अमेरिकी आरोपों से पहले, अडानी दुनिया के 18वें सबसे अमीर व्यक्ति थे, लेकिन अब उनकी रैंकिंग 21वें स्थान पर आ गई है। उनकी जगह अब 18वें स्थान पर मेक्सिको के अरबपति कार्लोस स्लिम हेलू काबिज हो गए हैं। इस गिरावट ने अडानी के साम्राज्य को एक बड़ा धक्का दिया है।
अमेरिका से समन और ताजे आरोप
गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी को अमेरिकी सिक्योरिटी एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने समन भेजा है। रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों को रिश्वत मामले में 21 दिनों के भीतर अपना जवाब देने के लिए कहा गया है। यह समन अहमदाबाद स्थित उनके फार्म हाउस और सागर अडानी के आवास पर भेजे गए हैं। इस मामले में अडानी ग्रुप के खिलाफ गंभीर आरोप हैं, जिनमें भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने के अलावा कई अन्य धोखाधड़ी के आरोप शामिल हैं।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट और उसके बाद का प्रभाव
यह पहली बार नहीं है जब गौतम अडानी को अमेरिकी जांच का सामना करना पड़ा है। 2023 की शुरुआत में, अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें शेयरों में हेरफेर और कंपनियों पर कर्ज को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए थे। इस रिपोर्ट के बाद, अडानी की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई और उनकी नेट वर्थ में 60 अरब डॉलर से ज्यादा की कमी आई। अडानी ग्रुप का मार्केट कैप भी 150 अरब डॉलर तक घट गया।
अमेरिका में धोखाधड़ी और रिश्वत के आरोप
अमेरिका के न्यूयॉर्क फेडरल कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान, अडानी की कंपनियों पर धोखाधड़ी करने और भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने के आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि अडानी ग्रीन और एज्योर पावर ग्लोबल ने 2020 से 2024 के बीच गलत तरीके से सोलर प्रोजेक्ट हासिल करने के लिए रिश्वत दी। इस मामले में सात लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी भी शामिल हैं।
गौतम अडानी का यह उतार-चढ़ाव न केवल उनके व्यक्तिगत नेट वर्थ को प्रभावित कर रहा है, बल्कि अडानी ग्रुप के समग्र व्यापार और निवेशकों के विश्वास पर भी सवाल उठ रहे हैं। अमेरिका में चल रही जांच और आरोपों के कारण अडानी के कारोबारी साम्राज्य के सामने गंभीर चुनौतियां आ गई हैं, जो उनके भविष्य के व्यापारिक फैसलों को प्रभावित कर सकती हैं।