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तृणमूल ने शुभेंदु अधिकारी पर टिप्पणी के बाद विधायक से कहा- कोई और विवादास्पद टिप्पणी नहीं

कबीर ने धमकी दी थी कि अगर अधिकारी अपने बयान को वापस नहीं लेंगे तो वह उनके हाथ तोड़ देंगे।

by Reeta Rai Sagar
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कोलकाताः तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को पार्टी नेता हुमायूं कबीर को भविष्य में विवादास्पद बयान नहीं देने की चेतावनी दी है। हुमायूं कबीर ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता सह विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी पर मुस्लिम विधायकों को लेकर दिए गए बयान के लिए आलोचना की थी।

मुर्शीदाबाद के विधायक हुमायूं कबीर ने अधिकारी के उस बयान पर आपत्ति जताई थी जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी जीतती है, तो वह सभी मुस्लिम विधायकों को विधानसभा से बाहर फेंक देंगे। कबीर ने धमकी दी थी कि अगर अधिकारी अपने बयान को वापस नहीं लेंगे तो वह उनके हाथ तोड़ देंगे।

तृणमूल कांग्रेस की अनुशासन समिति ने कबीर को मंगलवार को पैनल के सामने पेश होने के लिए तलब किया था, क्योंकि पार्टी उनके अधिकारी पर दिए गए बयान को लेकर संतुष्ट नहीं थी। हालांकि, कबीर ने कहा कि वह अपने बयान को वापस नहीं लेंगे और अनुशासन समिति से जो भी उचित लगेगा वह वही कहेंगे, क्योंकि वह पार्टी की कार्रवाई से डरते नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने कोई गलती नहीं की है, लेकिन वह पार्टी के निर्देशों का पालन करेंगे।

कबीर ने संवाददाताओं से कहा, जो भी पार्टी ने तय किया है, मैं उसका समर्थन करूंगा। मुझे कोई गलती मानने की जरूरत नहीं है। मैं जो कहूंगा वही कहूंगा। जो पार्टी कहेगी, वही करूंगा। पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री सोवन देव चटर्जी ने कहा कि कबीर से कहा गया है कि भविष्य में वह सार्वजनिक रूप से ऐसी बयानबाजी न करें जो पार्टी की नीति के खिलाफ हो। उन्होंने यह भी बताया कि कबीर को समझाया गया कि जो कुछ भी उन्होंने कहा है, वह पार्टी की विचारधारा और पार्टी प्रमुख के निर्देशों के खिलाफ है। एक तृणमूल कांग्रेस विधायक के रूप में, उन्हें पार्टी के निर्देशों का पालन करना होगा। उन्हें किसी भी धर्म के खिलाफ कुछ नहीं कहने के लिए कहा गया है।

कबीर को तृणमूल कांग्रेस की चार सदस्यीय अनुशासन समिति ने एक शो-कॉज नोटिस भी जारी की थी। इससे पहले, कबीर ने अधिकारी से उनके मुस्लिम विधायकों वाले बयान को 72 घंटे के भीतर वापस लेने को कहा था। उन्होंने कहा था कि यदि अधिकारी अपने शब्द वापस नहीं लेते, तो उन्हें उचित तरीके से ट्रीट किया जाएगा और जो भी विरोध हो सकता है, वह 40 मुस्लिम विधायकों द्वारा होगा, चाहे सदन में हो या जहां भी वह जाएंगे।

सोमवार को कबीर ने पार्टी को बताया था कि वह अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए तैयार हैं और उन्होंने अपनी धमकी दोहराई कि यदि अधिकारी मुर्शिदाबाद आते हैं, तो उन्हें रोक लिया जाएगा। “शुभेंदु अधिकारी का वही हाल होगा जो कांग्रेस नेता अधीर चौधरी के साथ हुआ था जब वह केंद्र सरकार में मंत्री थे। मेरे लोगों ने उनको दो घंटे तक नहीं जाने दिया था, बावजूद इसके कि उनके पास आईपीएस अधिकारी और केंद्रीय सुरक्षा बल थे। केवल ममता बनर्जी के हस्तक्षेप से ही वह जिले में प्रवेश कर पाए थे,” कबीर ने कहा।

“आप हमसे उम्मीद नहीं कर सकते कि हम शुभेंदु अधिकारी से अच्छा व्यवहार करें, अगर वह मुस्लिम विधायकों को उठाकर विधानसभा से बाहर फेंकने की बात करते हैं। मैं निश्चित रूप से तृणमूल कांग्रेस का विधायक हूं, लेकिन मेरी पहचान सबसे पहले एक धार्मिक मुस्लिम के रूप में है,” उन्होंने कहा।

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