सेंट्रल डेस्क : रिन्यूएबल क्षेत्र की बड़ी कंपनी टेस्ला इंक. (Tesla Inc.) जो अब तक भारत में बेहद लिमिटेड रूप से फैली हुई थी, ने सोमवार को घोषणा की कि वह भारत में 13 पदों के लिए उम्मीदवारों की भर्ती शुरू करेगी। इस भर्ती में कस्टमर फेसिंग से लेकर बैक-एंड जॉब तक शामिल हैं। इसकी जानकारी कंपनी ने हाल ही में अपने लिंक्डइन पेज पर अपलोड की।
कंपनी का यह कदम तब आया है जब CEO एलॉन मस्क ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अमेरिका दौरे के दौरान मुलाकात की थी।
कौन-कौन से जॉब पोजिशन हैं
कम से कम 5 पद, जिनमें सर्विस टेक्नीशियन और विभिन्न सलाहकार की भूमिका शामिल हैं। ये भर्तियां मुंबई और दिल्ली दोनों जगहों पर उपलब्ध हैं, जबकि बाकी के पद, जैसे कस्टमर एंगेजमेंट मैनेजर और डिलीवरी ऑपरेशंस स्पेशलिस्ट के पद केवल मुंबई के लिए हैं।
नौकरी के पद :
- इनसाइड सेल्स एडवाइज़र
- कस्टमर सपोर्ट सुपरवाइजर
- कस्टमर सपोर्ट स्पेशलिस्ट
- सर्विस एडवाइज़र
- ऑर्डर ऑपरेशंस स्पेशलिस्ट
- सर्विस मैनेजर
- टेस्ला एडवाइज़र
- पार्ट्स एडवाइज़र
- बिजनेस ऑपरेशंस एनालिस्ट
- स्टोर मैनेजर
- सर्विस टेक्नीशियन
- ग्राहक सेवा प्रबंधक
- डिलीवरी ऑपरेशंस विशेषज्ञ
भारत-टेस्ला के बीच संबंध
टेस्ला और भारत के बीच वर्षों से बातचीत जारी रही है, लेकिन कार निर्माता कंपनी उच्च आयात शुल्कों को लेकर भारत में निवेश से बचती रही है। भारत ने हाल ही में $40,000 से अधिक कीमत वाली उच्च-स्तरीय कारों पर बुनियादी कस्टम ड्यूटी को 110% से घटाकर 70% कर दिया है।
भारत, जो दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जक है, अब अपनी अर्थव्यवस्था को डी-कार्बनाइज़ करने और 2070 तक नेट ज़ीरो लक्ष्य की ओर बढ़ने का प्रयास कर रहा है। यही नहीं, देश के बढ़ते ग्राहकों की संख्या इसे ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) के लिए एक महत्वपूर्ण मार्केट बना रही है।
जल्द ही कंपनी कर सकती है मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी स्थापित
टेस्ला और भारत के बीच पिछले कुछ वर्षों से उच्च आयात करों को लेकर गतिरोध बना हुआ था, जिसे एलॉन मस्क ने बार-बार एक बड़ी बाधा के रूप में रेखांकित किया है। एलॉन मस्क का भारतीय दौरा पिछले साल अप्रैल में तय था, जिसमें उनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का कार्यक्रम था। इसके बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि अमेरिकी कार निर्माता कंपनी भारत में अपना मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी स्थापित कर सकती है। हालांकि, मस्क ने बाद में अपने दौरे को स्थगित कर दिया था ताकि वे टेस्ला के कुछ जरूरी मुद्दों पर ध्यान दे सकें, जिनमें कार्यबल में कटौती और कुछ वाहनों को वापस मंगाने की घटनाएं शामिल थीं।
टेस्ला पिछले कुछ वर्षों से भारत में निवेश करने से पहले आयात करों में कटौती की मांग कर रहा है। भारत सरकार ने मार्च में यह घोषणा की थी कि जो कंपनियां कम से कम 41.5 बिलियन रुपये (लगभग $500 मिलियन) का निवेश करके स्थानीय कारखाने स्थापित करती हैं, उनके लिए ईवी पर आयात शुल्क में छूट दी जाएगी।