रांची/चाईबासा: कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने चाईबासा कोर्ट द्वारा उनके खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट (NBW) को झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी है। राहुल गांधी की ओर से दायर याचिका में चाईबासा स्थित एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट के आदेश को “अनुचित और पूर्वाग्रहपूर्ण” बताया गया है।
26 जून को व्यक्तिगत उपस्थिति का आदेश, हाई कोर्ट में मामला लंबित
चाईबासा की एमपी-एमएलए विशेष अदालत ने बीते दिनों एक मामले में राहुल गांधी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करते हुए 26 जून 2025 को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है। हालांकि, राहुल गांधी के वकील की ओर से बताया गया है कि उन्होंने पहले ही सीआरपीसी की धारा 205 के तहत व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की याचिका दायर कर रखी है, जो अभी झारखंड हाई कोर्ट में लंबित है।
हाई कोर्ट से की गई राहत की मांग
राहुल गांधी की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि जब तक हाई कोर्ट में लंबित याचिका पर निर्णय नहीं होता, तब तक निचली अदालत को गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं करना चाहिए था। याचिका में हाई कोर्ट से चाईबासा कोर्ट द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट को निरस्त करने की अपील की गई है।
कानूनी प्रक्रिया में तेजी, राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज
यह मामला न केवल कानूनी दृष्टिकोण से, बल्कि राजनीतिक रूप से भी अत्यंत संवेदनशील बन गया है, क्योंकि राहुल गांधी वर्तमान में लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं। उनके खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट को लेकर देशभर में राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं। कांग्रेस पार्टी इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध बता रही है।