भुवनेश्वर: भुवनेश्वर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने रोगियों की देखभाल करने वाले उनके परिजनों को मामूली दर पर आवास मुहैया कराने के लिए एक ‘धर्मशाला’ शुरू किया है। गौरतलब है कि ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार सहित पूर्वी भारत से हजारों लोग भुवनेश्वर में स्थित एम्स में इलाज कराने आते हैं। एम्स परिसर में एक तीन मंजिला इमारत बनाई गई है, जहां तीमारदार एक तय समय के लिए रह सकते हैं।
अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि इस परिसर में नाममात्र शुल्क पर 480 बिस्तर और कमरे उपलब्ध हैं। एम्स भुवनेश्वर के 11वें स्थापना दिवस पर शनिवार को यह सुविधा लोगों के लिए शुरू कर दी गयी। एम्स भुवनेश्वर के कार्यकारी निदेशक डॉ आशुतोष बिस्वास ने कहा कि अगर किसी भी मरीज या उसके तीमारदार को आवास की आवश्यकता है तो उसे ‘धर्मशाला’ के रिसेप्शन या फिर चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय से संपर्क करना होगा।
उन्होंने बताया कि धर्मशाला का पूर्ण संचालन चरणबद्ध तरीके से होगा। डॉ बिस्वास ने बताया कि इस सुविधा का लाभ लेने वाले मरीजों को आवेदनपत्र पर उनका इलाज करने वाले चिकित्सक के हस्ताक्षर कराने होंगे। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, एम्स ने ई-ऑफिस सुविधा भी शुरू की है। डॉ बिस्वास ने कहा कि इससे प्रशासनिक प्रक्रिया में तेजी और स्वास्थ्य देखभाल प्रक्रिया में पारदर्शिता आयेगी।
एम्स पटना के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर गोपाल कृष्ण पाल ने एम्स भुवनेश्वर के स्थापना दिवस पर अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) में 17वीं रैंक और इंडिया टुडे रैंकिंग में 18वीं रैंक हासिल करने के लिए संस्थान को बधाई दी।

