Home » वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम पर FIR, चुनावी रिपोर्टिंग बनी वजह

वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम पर FIR, चुनावी रिपोर्टिंग बनी वजह

अजीत अंजुम पर मुस्लिम मतदाताओं की लिस्ट का वीडियो बनाने और बीएलओ ऐप पर जानकारी अपलोड करने से रोकने का आरोप है।

by Reeta Rai Sagar
FIR copy filed against journalist Ajit Anjum in Bihar over electoral reporting
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

Patna: बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) कार्यक्रम की ग्राउंड रिपोर्टिंग कर रहे वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। यह मामला बेगूसराय जिले के साहेबपुर कमाल विधानसभा क्षेत्र से जुड़ा है, जहां BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) अंसारूलहक के आवेदन पर रिपोर्ट दर्ज की गई है।

BLO की शिकायत के मुताबिक, 12 जुलाई 2025 को अजीत अंजुम अपने सहकर्मियों और कैमरे के साथ उनके क्षेत्र में आए और मुस्लिम मतदाताओं से संबंधित जानकारी एकत्र की। उन्होंने आरोप लगाया कि अजीत अंजुम द्वारा चुनावी प्रक्रिया में बाधा डाली गई, और उन्होंने कुछ कागजात वापस करने से इनकार कर दिया। रिपोर्ट के अनुसार, अजीत अंजुम पर मुस्लिम मतदाताओं की लिस्ट का वीडियो बनाने और बीएलओ ऐप पर जानकारी अपलोड करने से रोकने का आरोप है।


अजीत अंजुम की प्रतिक्रिया: “पत्रकार धर्म निभाया है”

FIR दर्ज होने के बाद अजीत अंजुम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा,
“मैंने रिपोर्टिंग के दौरान केवल वही दिखाया जो ग्राउंड पर सामने आया। कई स्थानों पर अधूरे फॉर्म भी जमा किए जा रहे थे। मेरे वीडियो में ऐसा कुछ नहीं जो FIR में आरोपित है।”

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग और प्रशासन की गड़बड़ियों को उजागर करने पर उनके ऊपर दबाव बनाया गया। उनके अनुसार, BDO और SDM द्वारा बार-बार कॉल कर वीडियो न प्रकाशित करने का आग्रह किया गया। अजीत अंजुम ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने प्रशासन की बात नहीं मानी तो एक मुस्लिम BLO को मोहरा बनाकर उनके खिलाफ FIR दर्ज करवाई गई।


रवीश कुमार का तीखा हमला: “FIR आयोग बना चुनाव आयोग”

वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने भी अजीत अंजुम के समर्थन में तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने लिखा,
“चुनाव आयोग का नाम अब FIR आयोग कर देना चाहिए। अजीत अंजुम ने जो सवाल उठाए हैं, उनका जवाब आयोग को देना चाहिए न कि पत्रकार के खिलाफ केस करना चाहिए।”

रवीश कुमार ने आगे कहा कि BLO द्वारा दो फॉर्म लेकर जाना एक बड़ी अनियमितता है और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर ही कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने मांग की कि अजीत अंजुम पर से FIR वापस ली जाए और जिन BLO को दंडित किया गया है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई समाप्त की जाए।

इस पूरे मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या लोकतंत्र में सच दिखाने की कीमत एक पत्रकार को FIR के रूप में चुकानी पड़ती है? वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम की रिपोर्टिंग ने प्रशासन की पोल खोली, लेकिन अब वह खुद कानूनी कार्रवाई के घेरे में हैं। यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि स्वतंत्र पत्रकारिता और लोकतंत्र की पारदर्शिता का भी है।

Also Read: कल्पना सोरेन ने दिवंगत भरत कपूर के परिवार से की मुलाकात, कहा- दुख की घड़ी में परिवार के साथ हूं

Related Articles

Leave a Comment