लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती द्वारा बीते माह पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निष्कासित किए गए आकाश आनंद ने अपनी बुआ मायावती से सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए पार्टी में वापसी की अपील की। आकाश आनंद ने मायावती को अपना एकमात्र राजनीतिक गुरु बताते हुए पार्टी में दोबारा शामिल करने का अनुरोध किया। इसके जवाब में, मायावती ने उन्हें दूसरा मौका देने की घोषणा की, लेकिन यह भी स्पष्ट कर दिया कि वह अपने उत्तराधिकारी की घोषणा नहीं करेंगी, क्योंकि वह पूर्णतः स्वस्थ हैं और पार्टी का नेतृत्व स्वयं करेंगी।
मायावती ने दिया आकाश आनंद को दोबारा मौका
आकाश आनंद, जिन्हें वर्ष 2023 में मायावती का राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया गया था, को अप्रैल 2025 में सभी पदों से हटा दिया गया था। इसकी प्रमुख वजह उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ का पार्टी में अत्यधिक प्रभाव माना गया। अशोक सिद्धार्थ को भी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। हालांकि, आकाश आनंद ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर चार पोस्ट साझा करते हुए कहा, ‘आज मैं ये संकल्प लेता हूं कि बहुजन समाज पार्टी के हित में मैं अपने रिश्तों और विशेषकर अपने ससुराल पक्ष को कोई बाधा नहीं बनने दूंगा’।
आकाश आनंद की घोषणा : केवल मायावती के दिशा-निर्देशों का पालन करूंगा
आकाश आनंद ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में वह किसी रिश्तेदार या सलाहकार की राय नहीं लेंगे। उन्होंने लिखा, ‘मैं केवल मायावती जी द्वारा दिए गए निर्देशों का ही पालन करूंगा। पार्टी के वरिष्ठों का सम्मान करूंगा और उनके अनुभवों से सीखूंगा’। उन्होंने आगे कहा, ‘मैं मायावती जी से अपील करता हूं कि वे मेरी सभी गलतियों को क्षमा करें और मुझे पार्टी में कार्य करने का एक और मौका दें। इसके लिए मैं सदैव उनका आभारी रहूंगा’।
मायावती का बयान : पार्टी और आंदोलन के प्रति समर्पण का प्रमाण
बसपा सुप्रीमो मायावती ने आकाश आनंद की सार्वजनिक क्षमा याचना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह निर्णय पार्टी और आंदोलन के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है। उन्होंने कहा, ‘आज X पर सार्वजनिक रूप से अपनी चार पोस्ट में आकाश आनंद द्वारा की गई स्वीकारोक्ति, वरिष्ठों का सम्मान, और ससुराल पक्ष के प्रभाव से दूरी बनाने का एलान यह दर्शाता है कि वे अब बसपा और आंदोलन के लिए पूर्णतः समर्पित हैं’।
बसपा में आकाश आनंद की भूमिका
• जून 2019 : आकाश आनंद को राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया गया।
• 2023 : उन्हें बसपा प्रमुख मायावती का राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया गया।
• मई 2024 : उन्हें ‘राजनीतिक परिपक्वता’ की कमी का हवाला देते हुए पद से हटा दिया गया।
• जुलाई 2024 : दो महीने बाद उन्हें पुनः राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया गया।
• मार्च 2025 : पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण पुनः निष्कासित।
• अप्रैल 2025 : सार्वजनिक माफी के बाद मायावती ने दिया दूसरा मौका।