नई दिल्लीः लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान शब्दों का युद्ध छिड़ गया, जब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) पर नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करने में देरी को लेकर तंज कसा।
“जो पार्टी खुद को दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी कहती है, उसने अब तक अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं चुना,” यादव ने लोकसभा में कहा।
वंशवादी राजनीति का आरोप
इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्व उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री पर ‘वंशवादी राजनीति’ का तंज कसा। शाह ने कहा, “अखिलेश जी ने अपनी बात मुस्कान के साथ कही, तो मैं भी मुस्कान के साथ जवाब दूँगा। हमारे सामने बैठी पार्टियों में सभी राष्ट्रीय अध्यक्ष बस पांच परिवारों के सदस्यों से चुने जाते हैं, जबकि हमारी पार्टी में 12-13 करोड़ सदस्य होते हैं, इसलिए प्रक्रिया में समय लगता है। आपकी पार्टी में तो कोई देरी नहीं होती।”
गौरतलब है कि जेपी नड्डा को 17 जून 2019 को भा.ज.पा. का कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, इसके बाद 20 जनवरी 2020 को उन्हें पार्टी का 11वां राष्ट्रीय अध्यक्ष आधिकारिक रूप से चुना गया और वे तब से इस पद पर हैं।
वक्फ संशोधन बिल पर अखिलेश यादव
आज संसद में बोलते हुए यादव ने वक्फ संशोधन बिल पर अपनी पार्टी का रुख दोहराते हुए कहा कि वे इसका विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रशासनिक नियंत्रण बनाए रखने के लिए इस तरह के संशोधन ला रही है।
यादव ने कहा, “वक्फ संशोधन बिल इसलिए लाया जा रहा है ताकि हर चीज़ पर नियंत्रण किया जा सके। देश ने देखा है कि कैसे प्रशासनिक गलतियों ने हिंदू-मुस्लिम के बीच दरार पैदा की है। एक गलत प्रशासनिक निर्णय ने ऐसी दरार पैदा की, जो आज भी दिखाई दे रही है। भाजपा वक्फ पर नियंत्रण करेगी और फिर वे अपने पक्ष में सारे फैसले करवा लेंगे।”
आगे अखिलेश ने कहा कि भा.ज.पा. ने एंग्लो-इंडियनों के लिए आरक्षण खत्म कर दिया; जीएसटी लागू किया, दावा किया था कि इससे व्यापारियों को फायदा होगा, लेकिन अब व्यापारी जीएसटी से नाखुश हैं। नोटबंदी लागू की, फिर भी काले धन की वापसी हो रही है। भाजपा के सभी फैसले गलत थे, और ये फैसले केवल राजनीतिक फायदे के लिए किए गए हैं।