इंटरटेनमेंट डेस्कः वरिष्ठ अभिनेता और राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने पिछले महीने एक कार्यक्रम के दौरान अक्षय कुमार की 2017 की फिल्म Toilet: एक प्रेम कथा का शीर्षक सुनकर इसे ‘फ्लॉप’ बताया और कहा कि वह इस तरह की फिल्म कभी नहीं देखेंगी। इस टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं पैदा कर दीं। कई नेटिज़न्स ने फिल्म की सामाजिक उपयोगिता और इसकी ब्लॉकबस्टर सफलता की ओर इशारा किया।
फिल्म Toilet: एक प्रेम कथा न केवल ग्रामीण भारत में स्वच्छता की गंभीर समस्याओं को उजागर करती है, बल्कि खुले में शौच जैसे मुद्दों पर भी गहन चर्चा प्रस्तुत करती है। यह फिल्म प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वच्छ भारत अभियान से भी जुड़ी हुई थी और इसे व्यापक स्तर पर सराहना मिली थी।
Kesari Chapter 2 के प्रमोशन इवेंट में अक्षय कुमार ने दी प्रतिक्रिया
हाल ही में अपनी आगामी फिल्म Kesari Chapter 2 के प्रोमोशनल इवेंट के दौरान जब अक्षय कुमार से यह पूछा गया कि क्या इंडस्ट्री के साथी कलाकारों की आलोचना उन्हें दुख पहुंचाती है, तो उन्होंने जवाब दिया:
“Criticising, मुझे नहीं लगता है किसी ने criticise किया है वो फिल्मों को। कोई बेवकूफ ही होगा जो criticise करेगा जैसी फिल्म बनाई है मैंने – Pad Man बनाई है। आप ही बता दीजिए, जैसे Toilet: एक प्रेम कथा है, Airlift है, Kesari 1 बनाई थी, Kesari 2 है। ऐसी बहुत सारी फिल्में हैं, तो कोई बेवकूफ ही होगा जो इन फिल्मों को criticise करेगा। और मैंने अपने दिल से बनाई है। एक फिल्म है जो लोगों को बहुत सारी चीजें बताती है, समझाती है, कोई भी फिल्म हो। तो मुझे नहीं लगता किसी ने criticise किया है।”
जया बच्चन की विवादित टिप्पणी पर अक्षय कुमार का शांत जवाब
जब अक्षय कुमार से जया बच्चन के उस बयान पर विशेष प्रतिक्रिया मांगी गई, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह Toilet: एक प्रेम कथा जैसी शीर्षक वाली फिल्म नहीं देखेंगी, तो अक्षय ने पूरी गरिमा के साथ जवाब दिया:
“अब अगर उन्होंने कहा है तो फिर सही होगा, मुझे नहीं पता। अगर Toilet: एक प्रेम कथा एक ऐसी फिल्म बनाकर मैंने कोई गलत काम किया है तो फिर, अगर वो कह रही हैं तो सही होगा।”
फिल्म Toilet: एक प्रेम कथा की सामाजिक और सिनेमाई सफलता
2017 में रिलीज़ हुई Toilet: एक प्रेम कथा ने भारत में स्वच्छता जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह फिल्म न केवल ₹300 करोड़ से अधिक की कमाई करने वाली ब्लॉकबस्टर बनी, बल्कि इसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सराहा भी गया। फिल्म की कहानी एक ऐसे व्यक्ति पर आधारित है, जो अपनी पत्नी के लिए शौचालय बनवाने के लिए सामाजिक मान्यताओं से लड़ता है।
सिनेमा की सामाजिक जिम्मेदारी पर बहस
जया बच्चन की टिप्पणी और अक्षय कुमार की प्रतिक्रिया ने एक बार फिर यह बहस छेड़ दी है कि क्या फिल्मों के शीर्षक या विषयवस्तु को लेकर पूर्वाग्रह रखना उचित है, विशेषकर जब वे सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता फैलाने का कार्य कर रही हों।