Ranchi (Jharkhand) : टेंडर कमीशन घोटाले के मुख्य आरोपित पूर्व मंत्री आलमगीर आलम की जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई शुक्रवार को पूरी हो गई। न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में हुई सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें पेश कीं। अब इस मामले में अगली सुनवाई 20 जून को होगी, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अपना पक्ष रखेगा। इस घोटाले में निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम भी सह-आरोपित हैं।
कमीशन के आरोप में मई में हुए थे गिरफ्तार, तब से हैं जेल में बंद
टेंडर आवंटन में कथित तौर पर कमीशन लेने के आरोप में आलमगीर आलम को ईडी ने 15 मई, 2024 को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद से ही वे लगातार न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं। टेंडर कमीशन घोटाले का खुलासा तब हुआ, जब ईडी ने सबसे पहले 21 फरवरी, 2023 को बड़ी कार्रवाई करते हुए निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के रांची, जमशेदपुर, पटना और दिल्ली स्थित कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी के बाद वीरेंद्र राम को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था।
संजीव लाल के नौकर के ठिकाने से बरामद हुए थे 32 करोड़ कैश
ईडी ने इस मामले में अपनी दूसरी बड़ी कार्रवाई 6 और 7 मई, 2024 को की थी। इस दौरान ईडी ने कई इंजीनियरों, ठेकेदारों और पूर्व मंत्री आलमगीर आलम व उनके निजी सचिव (पीएस) संजीव लाल के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसी छापेमारी में संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम के ठिकाने से ईडी ने 32 करोड़ रुपये से अधिक की भारी-भरकम नकदी बरामद की थी।
बरामदगी के बाद इस घोटाले की आंच सीधे पूर्व मंत्री आलमगीर आलम तक पहुंची और दो दिनों तक चली लंबी पूछताछ के बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। अब आलमगीर आलम की जमानत पर हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है और सभी की निगाहें 20 जून पर टिकी हैं, जब ईडी अदालत के समक्ष अपना पक्ष रखेगी।