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अब सभी विद्यार्थियाें का बनेगा वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी, इसी से हाेगी उनकी पहचान

by Rakesh Pandey
अब सभी विद्यार्थियाें का बनेगा वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी
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जमशेदपुर : न्यू एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) 2020 के तहत पूरे देश के स्कूलों में पढ़ने वाले सभी छात्रों का वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी बनाई जाएगी। शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार ने इसे लेकर सभी राज्यों को पत्र जारी किया गया है। इसके आलोक में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग रांची ने सभी जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र जारी कर कहा है कि उनके जिले के अंतर्गत आने वाले सभी विद्यालयों में नामांकित प्रत्येक छात्र / छात्रा का ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउन्ट रजिस्ट्री (एपीएएआर आईडी) बनाया जाना है।

अब सभी विद्यार्थियाें का बनेगा वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी

यह प्रत्येक छात्र/छात्रा के आधार संख्या पर आधारित होगा एवं इस हेतु संबंधित छात्र / छात्रा का आधार संख्या के उपयोग के लिए उनके अभिभावक की सहमति प्राप्त की जाएगी। यह ऐसा कार्ड हाेगा जिसमें छात्र की पूरी जानकारी हाेगी।

कार्ड बनाने के लिए अभिभावकाें की सहमति जरूरी:
सरकार की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि इस कार्ड काे बनाने के लिए अभिभावकाें की सहमति जरूरी है। बिना उनके सहमति के यह नहीं बनेगा। ऐसे में भारत सरकार से प्राप्त निदेश के आलोक में झारखंड के सभी जिलाें में 16-18 अक्टूबर 2023 को विद्यालय स्तर पर विशेष अभियान के तहत पेरेंट्स टीचर मीट का आयोजन हाेगा। इसमें सभी अभिभावकों से निर्धारित संलग्न प्रपत्र में सहमति प्राप्त की जाएगी। उसके बाद इस विद्यालय स्तर पर सुरक्षित ढंग से रख लिया जाए। उक्त सहमति पत्र के आधार पर विद्यालय द्वारा यू-डायस प्लस पोर्टल में स्टूडेंट आगे कंसेंटेड यस या नो मार्क किया जाएगा। विभाग की ओर से कहा गया है कि इसे प्रमुखता के साथ लेते हुए अनिवार्य रूप से संबंधित तिथि को बैठक आयोजित करें।

जानिए क्या हाेगा इसका फायदा:
विदित हो की न्यू एजुकेशन पॉलिसी में यह प्रावधान है कि देश के सरकारी से लेकर निजी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी छात्रों का वन स्टूडेंट आईडी बनाई जाएगी ताकि केंद्र सरकार के पास सभी छात्रों का डाटा मौजूद रहे। हर बच्चाें के स्टूडेंट आईडी का एक अलग नंबर हाेगा। जिसे डालते ही उसकी सारी एकेडमिक जानकारी सामाने आ जाएगी। इसके जरिए सरकार काे किसी भी छात्र के बारे में जानकारी प्राप्त करने में आसानी हाेगी और वह जब चाहेगी छात्र सें संपर्क कर सकेंगी। साथ ही इससे विभिन्न योजनाओं का लाभ भी छात्राओं तक आसानी से पहुंचाया जा सकेगा।

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