प्रयागराज : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को संभल स्थित जामा मस्जिद की सफाई कराने का निर्देश दिया। हालांकि, अदालत ने मस्जिद की पुताई और पेंटिंग पर कोई आदेश पारित नहीं किया। न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने जामा मस्जिद की सफाई और पुताई की अनुमति मांगने वाली याचिका पर यह आदेश दिया है।
एएसआई की रिपोर्ट और अदालत की प्रतिक्रिया
सुनवाई के दौरान, एएसआई ने एक रिपोर्ट पेश की, जिसमें बताया गया कि मस्जिद की पेंटिंग सेरामिक पेंट से की गई है और इस समय पुताई की कोई आवश्यकता नहीं है। इसके बाद, मस्जिद प्रबंधन समिति के वरिष्ठ अधिवक्ता एस एफ ए नकवी ने कहा कि वे केवल मस्जिद की पुताई और सफाई कराना चाहते हैं। इसके उत्तर में, अदालत ने एएसआई से मस्जिद के परिसर में धूल और घास की सफाई कराने का निर्देश दिया।
कानून व्यवस्था का ध्यान रखने की सलाह
नकवी ने अदालत को यह भरोसा दिलाया कि सफाई के दौरान किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं होगी। इसके साथ ही, राज्य के महाधिवक्ता ने भी यह सुनिश्चित किया कि सफाई के दौरान कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखी जाएगी। इससे पहले, गुरुवार को अदालत ने एएसआई को तत्काल मस्जिद का निरीक्षण करने और शुक्रवार को रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था, जिसमें यह बताया गया था कि क्या मस्जिद की पुताई की जरूरत है या नहीं।
उच्च न्यायालय के निर्णय का महत्व
माना जा रहा है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय का यह आदेश मस्जिद की सफाई और संरक्षण के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, क्योंकि जामा मस्जिद एक ऐतिहासिक धरोहर स्थल है और उसका उचित रखरखाव सुनिश्चित करना जरूरी है। इस आदेश से यह भी स्पष्ट हो गया है कि ऐतिहासिक धरोहरों की सफाई और संरक्षण के लिए उचित कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जबकि पुताई जैसे बदलावों पर अदालत ने फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है।