सेंट्रल डेस्क : दक्षिण कश्मीर स्थित 3,880 मीटर ऊंची अमरनाथ गुफा के दर्शन के लिए तीर्थयात्रियों का इंतजार खत्म हुआ है। श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) की 48वीं बोर्ड बैठक में इस साल की वार्षिक यात्रा की तारीखों का ऐलान कर दिया गया। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में यह निर्णय लिया गया कि अमरनाथ यात्रा तीन जुलाई से शुरू होगी और रक्षाबंधन के दिन नौ अगस्त को समाप्त होगी। इस बार यात्रा दो मार्गों पहलगाम और बालटाल से एक साथ शुरू होगी।
यात्रियों के लिए विशेष तैयारियां
साल दर साल बढ़ती तीर्थयात्रियों की संख्या को देखते हुए इस बार यात्रा के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यात्रा के मार्गों पर स्थित केंद्रों में ठहरने की क्षमता बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा, तीर्थयात्रियों के पंजीकरण और सुविधा के लिए कई कदम उठाए जाएंगे। इस बार ई-केवाईसी की सुविधा और आरएफआईडी कार्ड जारी किए जाएंगे, जिससे यात्रा का पंजीकरण और सुरक्षा व्यवस्था और भी सुदृढ़ होगी। साथ ही, जम्मू, श्रीनगर और अन्य प्रमुख स्थानों पर पंजीकरण केंद्रों को सक्रिय किया जाएगा, जिनमें नौगाम और कटरा रेलवे स्टेशनों पर भी पंजीकरण की व्यवस्था होगी।
सेवाओं में वृद्धि पर चर्चाबैठक में तीर्थयात्रियों को अधिक सुविधाएं देने के लिए कई उपायों पर चर्चा की गई। विशेष रूप से, बालटाल, पहलगाम, नुनवान और पंथा चौक श्रीनगर में यात्री सुविधाओं को और बेहतर बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। इस दिशा में संबंधित विभागों द्वारा कई कार्यों की समीक्षा भी की गई, जिसमें यात्रा मार्गों का रखरखाव और उनकी चौड़ाई बढ़ाने के प्रस्ताव भी शामिल थे। इसके अलावा, यात्रा से संबंधित सूचनाओं के प्रसार, चिकित्सा सुविधाओं, सुरक्षा उपायों और मौसम पूर्वानुमान संबंधी बुनियादी ढांचे पर भी विस्तार से चर्चा की गई।
यात्रा की सुरक्षा और आपदा प्रबंधन पर रहेगा विशेष ध्यान
यात्रा के दौरान सुरक्षा और आपदा प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। पवित्र गुफा और निचली पवित्र गुफा क्षेत्र में भीड़भाड़ को नियंत्रित करने के लिए उपाय किए जाएंगे, ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। इसके साथ ही, यात्रा मार्ग पर चिकित्सा देखभाल की सुविधाएं भी सुनिश्चित की जाएंगी।
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