नई दिल्ली: पाकिस्तान के साथ सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच भारत सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है। सुरक्षा के लिहाज से केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को विशेष निर्देश जारी किए हैं। गृह मंत्रालय ने देशभर में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने का ऐलान किया है, जिसके तहत हवाई हमले की स्थिति में आम नागरिकों को बचाव के उपाय सिखाए जाएंगे।
इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य युद्ध जैसी किसी भी आपातकालीन स्थिति में आम जनता, स्कूलों, संस्थानों और स्थानीय प्रशासन की तैयारी, प्रतिक्रिया क्षमता और समन्वय का परीक्षण करना है। मॉक ड्रिल को लेकर कई चरणों में गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।
मॉक ड्रिल के तहत ये कदम उठाए जाएंगे:
1. एयर रेड वार्निंग सायरन की टेस्टिंग:
ड्रिल की शुरुआत हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन (Air Raid Siren) बजाने से की जाएगी। ये सायरन संकेत देंगे कि दुश्मन का हवाई हमला संभावित है या शुरू हो चुका है। इसका मकसद है कि लोग तुरंत सतर्क हो जाएं और बचाव की स्थिति में चले जाएं।
2. नागरिकों को बचाव और सुरक्षा का प्रशिक्षण:
स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों पर नागरिकों और छात्रों को सिविल डिफेंस से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें सिखाया जाएगा कि:
- हमले की स्थिति में कहां शरण लें।
- फर्स्ट एड का प्राथमिक ज्ञान।
- धमाके या हमले के समय मानसिक संतुलन कैसे बनाए रखें।
3. क्रैश ब्लैकआउट की व्यवस्था:
हमले के दौरान दुश्मन को लोकेशन की जानकारी न मिल सके, इसके लिए क्रैश ब्लैकआउट किया जाएगा। इसका अर्थ है—सभी रोशनी (घर, गली, प्रतिष्ठान) एकदम बंद कर दी जाएंगी। इससे रात के समय हवाई हमले से सुरक्षा बढ़ाई जा सकती है।
4. महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा:
देश के महत्वपूर्ण औद्योगिक और रणनीतिक प्रतिष्ठानों जैसे—
- बिजली घर,
- जल आपूर्ति केंद्र,
- संचार टावर,
- सैन्य डिपो,
- रेलवे स्टेशन आदि—
इन सब को कैसे छिपाया जाए, या हमला होने पर कैसे तुरंत बचाव किया जाए, इसका अभ्यास कराया जाएगा। कई जगहों पर कृत्रिम छुपाव (camouflage) का इस्तेमाल भी किया जाएगा।
5. निकासी योजना (Evacuation Plan) का अभ्यास:
हमले या आपात स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर कैसे पहुंचाया जाए, इसके लिए निकासी योजना तैयार की जाएगी। इसमें शामिल होगा:
- लोगों के लिए निकासी रूट तैयार करना।
- विशेष जरूरतमंद (बुजुर्ग, विकलांग, बच्चे) लोगों को प्राथमिकता देना।
- अस्थायी शरण केंद्र बनाना।
लोगों को बताया जाएगा कि संकट की स्थिति में किस दिशा में जाना है, क्या लेकर जाना है, और किन सरकारी अधिकारियों से संपर्क करना है।
गृह मंत्रालय का बयान: ‘सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता’
गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, यह मॉक ड्रिल किसी खास खतरे की पुष्टि नहीं करता, बल्कि यह एक सतर्कता और तैयारी का हिस्सा है। “देश की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। ऐसी मॉक ड्रिल्स से हमें जमीनी स्तर पर स्थिति को समझने और सुधारने का मौका मिलता है,” मंत्रालय की ओर से कहा गया।
जनता से अपील
मंत्रालय और राज्य सरकारों ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और मॉक ड्रिल में पूरी गंभीरता और सहयोग के साथ भाग लें। साथ ही, जो निर्देश स्थानीय प्रशासन द्वारा दिए जाएं, उनका पालन करें।