खूंटी-सिमडेगा मुख्य मार्ग पर पेलोल पुल के धराशायी होने से लोगों की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। 19 जून, 2025 को हुए इस हादसे के बाद, प्रशासन ने अंगराबारी-जुरदाग-कुंजला मार्ग को वैकल्पिक तौर पर इस्तेमाल करने की सलाह दी थी। हालांकि, अब इस मार्ग पर भी भारी ट्रैफिक जाम के कारण स्थिति गंभीर हो गई है।
रेलवे ट्रैक से लदे ट्रेलर के फंसने से लगा लंबा जाम
मंगलवार की रात को, इस वैकल्पिक रास्ते पर एक बड़ा ट्रेलर फंस गया। इस ट्रेलर में रेलवे का ट्रैक लदा हुआ था, जिसके कारण मार्ग पूरी तरह से बाधित हो गया। बुधवार की सुबह से दोपहर तक कुछ वाहन चालकों ने जैसे-तैसे अपनी गाड़ियां निकालीं, लेकिन जैसे ही ट्रेलर को जाम से बाहर निकाला गया, सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। शाम सात बजे तक इस मार्ग पर यातायात पूरी तरह से ठप रहा।
ग्रामीणों की दिनचर्या और स्कूली बच्चों की पढ़ाई पर पड़ा बुरा असर
इस भीषण जाम का सीधा असर स्थानीय ग्रामीणों के दैनिक जीवन और स्कूली बच्चों की शिक्षा पर पड़ रहा है। कई बच्चे समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाए, जिसके कारण उन्हें या तो छुट्टी करनी पड़ी या देर से स्कूल पहुंचे। जुरदाग से लेकर कुंजला तक वाहनों की कई किलोमीटर लंबी लाइन लग गई है। अनेक वाहन चालक तो पूरी रात सड़क पर ही फंसे रहे।
लंबा और खतरनाक वैकल्पिक मार्ग भी नहीं दे रहा राहत
अब मजबूरन गाड़ियों को जलटंडा और धनामुंजी के रास्ते खूंटी और कर्रा की ओर मोड़ा जा रहा है। लेकिन यह रास्ता काफी लंबा, जर्जर और खतरनाक है। इस कारण लोगों को ईंधन और समय दोनों का नुकसान हो रहा है, साथ ही दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया है।
छह दिन बाद भी डायवर्सन का काम शुरू नहीं
पेलोल पुल को टूटे हुए छह दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक पुल पर यातायात को सुचारू करने के लिए किसी भी तरह के स्थायी या अस्थायी डायवर्सन का काम शुरू नहीं किया गया है। प्रशासन की ओर से सिर्फ पुल के दोनों किनारों पर सुरक्षा के लिए कुछ दीवारें खड़ी कर दी गई हैं। कुंजला-जुरदाग मार्ग पहले से ही सिंगल लेन है, जिसके कारण जाम की समस्या और भी गंभीर हो गई है।
जनप्रतिनिधियों की पहल भी नहीं लाई रंग, लोगों में आक्रोश
स्थानीय सांसद कालीचरण मुंडा और विधायक सुदीप गुड़िया ने इस गंभीर समस्या को लेकर ग्रामीण विकास मंत्री से मुलाकात कर जल्द समाधान निकालने की मांग की है। हालांकि, उनकी इस पहल का अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम नहीं दिखा है, जिससे स्थानीय लोगों में काफी गुस्सा है।
विभागीय अधिकारी का बयान, स्वीकृति का इंतजार
इस मामले में जब पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता रामेश्वर साव से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि वैकल्पिक डायवर्सन बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है। उन्होंने कहा, “जैसे ही हमें स्वीकृति मिलती है, हम दो दिन के भीतर डायवर्सन तैयार कर देंगे। फिलहाल यह हमारे नियंत्रण से बाहर है।”