रांची : झारखंड हाई कोर्ट में होमगार्ड जवानों को समान काम के बदले समान वेतन देने के मामले में मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता और महानिदेशक (डीजी) होमगार्ड अनिल पालटा ने सशरीर कोर्ट में पेश होकर अपनी स्थिति स्पष्ट की।
कोर्ट ने अवमानना याचिका को किया ड्रॉप
झारखंड हाई कोर्ट ने अवमानना याचिका को ड्रॉप करते हुए यह फैसला सुनाया कि चूंकि राज्य सरकार ने इस मामले में अपील (एलपीए) दाखिल की है, इसलिए होमगार्ड जवानों का एरियर सरकार के फैसले पर निर्भर करेगा। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि होमगार्ड जवानों को वर्तमान में मिल रही बढ़ी हुई सैलरी बरकरार रहेगी।
इससे पहले, राज्य सरकार के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कोर्ट को सूचित किया कि 25 अगस्त 2017 के आदेश के बाद होमगार्ड जवानों को बढ़े हुए वेतन का लाभ देने का आदेश दिया गया था। हालांकि, राज्य सरकार ने इस आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दायर की है। उन्होंने यह भी बताया कि होमगार्ड जवानों को अब पुलिसकर्मियों के बराबर समान वेतन मिल रहा है और सरकार इस पर विचार कर रही है कि एरियर भुगतान कैसे किया जाएगा।
होमगार्ड एसोसिएशन की याचिका और कोर्ट का रुख
झारखंड होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष अजय प्रसाद ने अवमानना याचिका दायर की थी। उनका आरोप था कि राज्य सरकार हाई कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रही है। अजय प्रसाद और अन्य प्रार्थियों ने यह भी दावा किया कि होमगार्ड जवानों का कार्य पुलिसकर्मियों की तरह ही होता है, इसलिए उन्हें भी पुलिसकर्मियों के समान वेतन और अन्य लाभ मिलना चाहिए।