पटना। Bihar politics: जन सुराज पार्टी के संस्थापक और पूर्व जेडी (यू) उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि बिहार के आगामी विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रमुख कारक हो सकते हैं। हालांकि, किशोर के इस दावे का समर्थन करने वाला तर्क शायद नीतीश कुमार को ज्यादा पसंद नहीं आएगा।
एक साक्षात्कार में चुनावी रणनीतिकार से नेता बने किशोर ने कहा कि नीतीश की “स्वास्थ्य की गिरावट” और उनकी “नेतृत्व क्षमता” इन चुनावों में प्रमुख निर्णायक कारक बनेंगे। दो मुख्य कारक जो विधानसभा चुनावों को प्रभावित करेंगे, उनमें नीतीश की बिगड़ती सेहत और उनका नेतृत्व शामिल हैं। जैसे ही एनडीए उन्हें अपने मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में घोषित करेगा और वह जनता को संबोधित करने में सक्षम नहीं होंगे, लोग शायद उनसे आगे का रास्ता देखेंगे,” किशोर ने यह कहते हुए यह बयान दिया कि चुनाव परिणामों को प्रभावित करने वाले सबसे बड़े कारक क्या होंगे। पार्टी के खिलाफ यह आरोप कि वह सिर्फ वोट काटने के लिए मैदान में है, इस दावे को खारिज करते हुए किशोर ने दावा किया कि एनडीए, खासकर नीतीश कुमार को ज्यादा तवज्जो दी जा रही है।
2030 के चुनावों का लक्ष्य रखती है जन सुराज पार्टी
किशोर ने इस बात का खंडन किया कि जन सुराज पार्टी को कम आंका जा रहा है। हम एक बड़ा कारक बनने जा रहे हैं। कुछ लोग यह मानते हैं कि उनकी पार्टी इस साल के चुनावों में सिर्फ परीक्षण के लिए उतरी है और असल में 2030 के चुनावों का लक्ष्य रखती है।
किशोर ने कहा कि पिछले साल अपनी पार्टी के गठन से पहले उन्होंने बिहार के 38 जिलों में से 20 जिलों में पदयात्रा की थी, जिससे उन्होंने महसूस किया कि वक्फ एक्ट के पारित होने और संसद में चर्चा के बाद जेडी(यू) और आरजेडी दोनों की पोल खुल गई है।
समुदाय को नए नेताओं की जरूरत
वह बिल संसद में पेश होने के बाद लालू प्रसाद यादव की पुरानी स्पीच का हवाला देने के कारण एक्सपोज हो गए हैं। लालू को मुस्लिमों का नेता माना जाता है, लेकिन अब समुदाय को नए नेताओं की जरूरत है। नीतीश कुमार, जिन्होंने मुस्लिम समुदाय का एक बड़ा हिस्सा अपने साथ रखा था, अब एक्सपोज़ हो गए हैं क्योंकि उनकी पार्टी ने इस बिल का समर्थन किया।
बिहार के लोग नए चेहरों, नए नेतृत्व की चाहत रखते हैं- किशोर
भाजपा पर टिप्पणी करते हुए किशोर ने कहा कि लोग सीएए और ट्रिपल तलाक़ पर भाजपा के ध्रुवीकरण के प्रयासों को समझ चुके हैं। मुस्लिमों ने एनडीए और इंडिया गठबंधन के इरादों को समझ लिया है। इसी कारण से जन सुराज पार्टी मुस्लिमों और पूरे राज्य के लिए एक विकल्प के रूप में उभरी है। किशोर ने यह भी जोड़ा कि बिहार के लोग नए चेहरों और नए नेतृत्व की चाहत रखते हैं।